वन नेशन-वन इलेक्शन : संसाधनों के अपव्यय पर लगाम, विकास को मिलेगी रफ्तार – भाजपा

० अनुराग अग्रवाल का तीखा वार : कांग्रेस को आखिर एक राष्ट्र, एक चुनाव से दिक्कत क्या है?

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मीडिया सह-प्रभारी अनुराग अग्रवाल ने वन नेशन-वन इलेक्शन की अवधारणा को देशहित में एक ऐतिहासिक कदम बताते हुए कांग्रेस पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने कहा यह कोई नई बात नहीं, बल्कि आजादी के बाद लगातार 15 वर्षों तक देश ने यही मॉडल देखा है। फिर कांग्रेस को इससे आज क्या दिक्कत है?

श्री अग्रवाल ने कांग्रेस के विरोध को अविवेकपूर्ण और राष्ट्र-विरोधी मानसिकता का प्रतीक बताया। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि अगर एकसाथ चुनाव होते हैं तो इससे न केवल सरकारी संसाधनों की बेतहाशा बर्बादी रुकेगी, बल्कि वही धन और समय देश के विकास कार्यों में झोंका जा सकेगा।

उन्होंने 2024 लोकसभा चुनाव का उदाहरण देते हुए कहा कि 1.34 लाख करोड़ रुपए खर्च हुए, जो अगर शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार या बुनियादी ढांचे पर लगाए जाते तो देश की तस्वीर कुछ और होती।

कांग्रेस को छोटे दलों की चिंता या अपनी सियासी ज़मीन की?

श्री अग्रवाल ने कांग्रेस के उस तर्क को भी सिरे से खारिज किया जिसमें कहा गया कि वन नेशन-वन इलेक्शन से छोटे दल खत्म हो जाएंगे। उन्होंने पलटवार करते हुए कहा स्वतंत्रता के बाद 15 साल तक कांग्रेस के वर्चस्व के बावजूद छोटे दलों का उभार हुआ, फिर अब क्यों नहीं होगा? कांग्रेस बताए कि ये भ्रम फैलाकर वो आखिर किसका भला कर रही है?

एक साल का विकास, चुनाव की भेंट चढ़ता है!

अनुराग अग्रवाल ने दो टूक कहा कि सालभर देश में कहीं न कहीं चुनाव चलते रहते हैं, जिससे सरकारों को विकास कार्यों के लिए पर्याप्त समय ही नहीं मिलता। क्या कांग्रेस चाहती है कि देश का हर साल सिर्फ चुनावों में ही झोंक दिया जाए?

जनजागरण की जरूरत, न कि राजनीति की दुकानदारी

भाजपा नेता ने कहा कि वन नेशन-वन इलेक्शन कोई थोपने वाली बात नहीं है, बल्कि इस पर चर्चा, सुझाव और सुधार के रास्ते खुले हैं। लेकिन कांग्रेस तो हर अच्छी पहल को संदेह की निगाह से देखती है। उसकी सोच में ही विकास के लिए जगह नहीं बची।

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