(अर्जुन झा)
जगदलपुर। बस्तर के प्रति केंद्र सरकार और उसके मंत्रियों की संवेदनशीलता का प्रदर्शन अक्सर होता रहता है लेकिन हकीकत में हाल यह है कि बस्तर सांसद दीपक बैज को बस्तर की रेल सेवा संबंधित सवाल का जवाब देने में रेल राज्यमंत्री को लगभग डेढ़ साल का समय लग गया। जवाब दिया गया तो वह भी ऐसा कि समझा जा सकता है कि केंद्र सरकार बस्तर के लोगों के प्रति कितनी कम हमदर्दी रखती है। बस्तर की जनता के लिए संसद से लेकर सड़क तक संघर्ष करने वाले बस्तर सांसद दीपक बैज के प्रयासों से हालांकि जगदलपुर तक फोरलेन सड़क को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की मंजूरी मिल गई है। सांसद दीपक बैज के संघर्ष का ही परिणाम है कि कोरोना काल से बंद रेल सेवा का संचालन शुरू हो गया लेकिन सांसद दीपक बैज ने 13.12.2021 को लोकसभा में जिन तीन रेलों के संबंध में सवाल किया था, उसका अब जाकर रेल राज्यमंत्री रावसाहेब दानवे ने जवाब देते हुए बताया है कि हावड़ा जगदलपुर और विशाखापटनम किरंदूल एक्सप्रेस को नियमित सेवा के रूप में चलाया जा रहा है लेकिन कम लोकप्रियता के कारण दुर्ग जगदलपुर एक्सप्रेस नहीं चलाई जा रही है। विदित है कि दुर्ग जगदलपुर एक्सप्रेस सप्ताह में तीन दिन चलाई जाती थी। जिसे कम लोकप्रियता के कारण नहीं चलाने की जानकारी देने में रेल राज्यमंत्री को इतना समय लग गया।
इधर बस्तर सांसद दीपक बैज की कोशिश है कि रायपुर से बस्तर तक सीधी रेल सेवा के लिए तेजी से रावघाट परियोजना पूर्ण की जाए। सांसद दीपक बैज केंद्र की सोयी हुई व्यवस्था को जगाने में लगे हुए हैं। उनके सत्याग्रह की वजह से बस्तर की रेल सेवा बहाल हुई। उनके प्रयासों से बस्तर की वायु सेवा में विस्तार हुआ और उनके सतत प्रयास से धमतरी से जगदलपुर फोरलेन को मंजूरी मिली। बस्तर की जनता मानती है कि केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को छोड़ कोई भी केंद्रीय मंत्री बस्तर के प्रति वैसा उत्साह और अपनापन नहीं दिखा सका है, जैसी बस्तर के प्रति दिखाने की राजनीति सामने आती है। पिछले दिनों बस्तर में केंद्रीय मंत्रियों ने दौरे के दौरान बड़ी दिलचस्पी दिखाई मगर एक तथ्य सामने आ गया है कि केंद्र की नजर में बस्तर की क्या अहमियत है। लेकिन बस्तर की जनता को भरोसा है कि बस्तर का यंग टाइगर अपने जंगल की जरूरतों को पूरा कराने जूझने में कोई कसर बाकी नहीं रखेगा।