इन्वेस्टर कनेक्ट का दावा खोखला, उद्योगों के अनुकूल माहौल देने में भाजपा सरकार पूरी तरह नाकाम – सुरेन्द्र वर्मा

0 साय सरकार में नए उद्योग आए नहीं बल्कि पूर्व में संचालित उद्योग बंद हो रहे औद्योगिक विकास घट रहा है, बेरोजगारी बढ़ रही है

रायपुर। छत्तीसगढ़ में नए निवेश को लेकर सरकार के दावों को खारिज़ करते हुए प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेन्द्र वर्मा ने कहा कि विगत सवा साल में एक भी नया निवेश धरातल पर नहीं उतर पाया से। प्रस्ताव, ओ एम यू और उद्योग स्थापित होने में फर्क है, यह सरकार अपनी नाकामी को छुपाने केवल खोखले दावे कर रही है, हकीकत यह है कि भाजपा की साय सरकार छत्तीसगढ़ में उद्योगों के अनुकूल माहौल पैदा करने में पूरी तरह नाकाम रही है, जिसके चलते नए उद्योग लगाना तो दूर पूर्व से संचालित हो रहे कल कारखाने भी बड़ी संख्या में बंद हो रहे हैं। स्टील और सीमेंट के उत्पादन में छत्तीसगढ़ अग्रणी राज्य है लेकिन भाजपा सरकार की गलत उद्योग नीतियों के चलते यहां पर भी छत्तीसगढ़ के उद्यमियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्टील उत्पादन में उड़ीसा और झारखंड से छत्तीसगढ़ के उद्योगपतियों की प्रतिस्पर्धा है लेकिन साय सरकार की दुर्भावना के चलते छत्तीसगढ़ का स्टील उद्योग संकट में है। विगत 1 वर्ष के दौरान पांच बार बिजली के दाम बढ़ाए गए जिसके चलते छत्तीसगढ़ में स्पंज आयरन और रोलिंग मिलों को 7 रुपया 80 पैसा प्रति यूनिट की दर से बिजली दी जा रही है, जबकि झारखंड में उद्योगों की बिजली की दर 5 रुपया प्रति यूनिट और उड़ीसा में 5 रुपया 60 पैसा है। कोयला हमारा, जमीन हमारी, पानी हमारा और हमारे ही प्रदेश के उद्योगों को डेढ़ गुना अधिक दाम पर बिजली, ऐसे में कैसे कोई उद्योग संचालित कर सकता है?

प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेन्द्र वर्मा ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार की बेहतर औद्योगिक नीति के चलते कृषि और खाद्य प्रसंस्करण की 540 इकाइयां स्थापित हुई, 4200 नए उद्योग लगे, रीपा परियोजना के तहत गांव गांव में औद्योगिक पार्क बने। राज्य में उद्योग हितैषी उद्योग नीति तैयार की गई जिसके तहत आवंटित भूमि की दरों को 30 प्रतिशत कम किया तथा लीज रेंट के दर को 1 प्रतिशत कम किया गया साथ ही फ्री होल्ड आंशिक हस्तांतरण की प्रक्रिया को सरल बनाया जिसके चलते कोर सेक्टर के साथ ही 13 एथेनॉल प्लांट के रस्ते खुले जिसमें से पांच बनकर तैयार है, कोंडागांव में मक्का प्लांट, फूड सेक्टर फार्मास्यूटिकल डिफेंस, इलेक्ट्रॉनिक्स, डेनेक्स रेडीमेड, डिफेंस सोलर आदि के क्षेत्र में परियोजनाएं छत्तीसगढ़ में स्थापित की गई। कांग्रेस की सरकार के समय छत्तीसगढ़ में लगभग 600 नई राइस मिल बने। कृषि, वनोपज और खनिज आधारित उद्योग स्थापित हुए, महिला समूहों को उद्यमी बनाया, गोठानो को भी उद्यमिता का केंद्र बनाया। यही कारण था कि पूर्ववर्ती कांग्रेस के समय छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर घटकर पूरे देश में सबसे कम 0.1 प्रतिशत रह गया था। भाजपा सरकार में नए उद्योग तो दूर भाजपा की सरकार की दुर्भावना से पुराने उद्योग भी दम तोड़ रहे हैं। पिछले सवा साल के दौरान लगभग 300 राइस मिल और 400 से अधिक स्पंज आयरन और रोलिंग में तालाबंदी की नौबत आ चुकी है उद्योगों में छटनी चल रही है लेकिन यह सरकार झूठे दावे करके अपनी ही पीठ थपथपा रही है।

प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेन्द्र वर्मा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार केवल झूठे दावे और खोखले वादे करती है इसी तरह से 2004 से 2018 के बीच भी किसी तरह से झूठे सपने दिखाए गए। पावर प्लांट, औषधि खेती और रतनजोत की खेती के नाम पर जमीनों का बंदर बांट किया गया। बस्तर के लोहारीगुंडा में 1700 किसानों की 4200 एकड़ जमीन छीनकर बिना उद्योग लगाए लैंडबैंक बनाकर रखा गया था जिसे हमारी सरकार ने किसानों को निःशुल्क वापस किया था, अब लूट का एक बार फिर वही दौर आ गया है। एनएमडीसी का नगरनार प्लांट निजीकरण करने जा रहे हैं जिस तरह से अटल बिहारी वाजपेई की सरकार ने बालको बेचा था भाजपा की सरकारों का फोकस केवल छत्तीसगढ़ के संसाधनों को बेचने में है। यहा के जल जंगल और जमीन पर इनकी बुरी नजर है। छत्तीसगढ़ के उद्यमियों को अनुकूल वातावरण देने के बजाय मोदी के मित्रों पर प्रदेश के संसाधन लूटाने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। देश के बड़े-बड़े महानगरों में राजनैतिक पर्यटन कर इन्वेस्टर कनेक्ट कार्यक्रम की सफलता का दावा करने वाली साय सरकार यह बताए की विगत सवा साल में धरातल में कितने उद्योग लगवा पाए हैं।

 

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