रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में महतारी सदन निर्माण को लेकर विवाद तेज हो गया। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने सदन में जोरदार सवाल उठाते हुए सरकार पर पक्षपात का आरोप लगाया। उन्होंने पूछा, क्या महतारी सदनों का चयन सेटेलाइट सर्वे से हुआ या फिर राजनीतिक लाभ को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया? डॉ. महंत ने आंकड़े पेश करते हुए कहा कि प्रदेश के 193 महतारी सदनों में से केवल 5 कांग्रेस विधायकों के क्षेत्रों में बनाए जा रहे हैं, जबकि 185 भाजपा विधायकों के क्षेत्रों में ये निर्माण कार्य स्वीकृत हुए हैं। इसके साथ ही 4 गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के विधायक क्षेत्रों को भी महतारी सदन की स्वीकृति मिली है। इस पर सदन में तगड़ा हंगामा हुआ।
नेता प्रतिपक्ष ने सरकार से 2024-25 के लिए मंजूर महतारी सदनों की संख्या, उनकी कुल लागत और जारी की गई राशि का ब्योरा मांगा। जवाब में पंचायत मंत्री विजय शर्मा ने बताया कि 194 ग्राम पंचायतों के लिए महतारी सदन की स्वीकृति दी गई है, और 168 महतारी सदनों के लिए राशि जारी की जा चुकी है। उन्होंने यह भी बताया कि 147 स्थानों पर निर्माण कार्य शुरू हो चुका है, और एक महतारी सदन की कुल लागत 29.20 लाख रुपए है।
लेकिन डॉ. महंत ने फिर सवाल किया, क्या इस कार्य के लिए बजट में पहले से प्रावधान था, या फिर बिना टेंडर के किसी एजेंसी को सीधे काम सौंप दिया गया?” इस पर पंचायत मंत्री विजय शर्मा ने सफाई दी कि “इस योजना के लिए 24 लाख की राशि बजट प्रावधान से ली गई है, और बाकी 4 लाख पंचायत विभाग के माध्यम से मिलाकर कुल 29 लाख की लागत से महतारी सदन का निर्माण हो रहा है।
हालांकि, इस जवाब से असंतुष्ट डॉ. महंत ने फिर सरकार पर आरोप लगाया कि यह पूरी योजना भाजपा विधायकों के क्षेत्रों तक ही सीमित क्यों है? कांग्रेस और अन्य दलों के क्षेत्रों में यह विकास कार्य क्यों नहीं हो रहा? नेता प्रतिपक्ष के इस सवाल पर सदन में गहमा-गहमी बढ़ गई, और मामले पर तीखी बहस छिड़ गई। स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने स्थिति को संभालते हुए पंचायत मंत्री से पूरे मामले की रिपोर्ट सदन के समक्ष पेश करने के निर्देश दिए, ताकि इस विवाद का शीघ्र समाधान निकाला जा सके।