० नीति आयोग ने दिया जिले को 3 करोड़ का पुरस्कार
(अर्जुन झा)जगदलपुर। बस्तर को पिछड़ा समझने वालों को अब अपनी सोच बदलनी होगी। बस्तर अब पिछड़ा नहीं रह गया है, तरक्की राह में मील के पत्थर गाड़ते जा रहा है। शिक्षा के मामले में तो बस्तर ने इतिहास ही रच दिया है। बस्तर की इस बड़ी उपलब्धि से मुख्यमंत्री विष्णु देव साय भी आल्हादित हो उठे हैं। इसके लिए उन्होंने बस्तर के निवासियों, जिला प्रशासन और बस्तर के शिक्षा विभाग को बधाई दी है।
एक दौर था जब छत्तीसगढ़ के बस्तर को पिछड़ा इलाका माना जाता था। आज बस्तर की तस्वीर पूरी तरह बदल चुकी है। केंद्र और राज्य सरकारों की योजनाओं के माध्यम से यहां सड़कों का जाल बिछ चुका है, गांव गांव में शुद्ध पेयजल की सुविधा उपलब्ध हो गई है, स्कूल भवन बन गए हैं, चिकित्सा उपलब्ध हो चुकी है। शिक्षा के मामले में तो बस्तर जिले बड़ी ही शानदार कामयाबी हासिल कर ली है। शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने पर नीति आयोग द्वारा बस्तर जिले को 3 करोड़ रुपए का पुरस्कार दिया गया है। इस बड़ी उपलब्धि पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बधाई देते हुए कहा कि बस्तर जिले के विद्यार्थियों की मेहनत, शिक्षकों के समर्पण और हमारी सरकार की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व्यवस्था के प्रति प्रतिबद्धता ने जिले को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। यह सम्मान पूरे प्रदेश के लिए प्रेरणादायक है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह पुरस्कार आकांक्षी जिलों में बुनियादी शिक्षा के सुदृढ़ीकरण और शिक्षा की समावेशी एवं नवाचारयुक्त नीति को आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों की सफलता का प्रमाण है।
कलेक्टर की मेहनत का नतीजा
बस्तर कलेक्टर एस. हरीश के मार्गदर्शन और जिला पंचायत सीईओ प्रतीक जैन के निर्देशन में जिला शिक्षा अधिकारी बीआर बघेल के अथक प्रयास का ही यह परिणाम है। बस्तर ने शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए नई तकनीक का भरपूर उपयोग करते हुए सबके लिए शिक्षा पर कार्य किया। जिले ने यह सुनिश्चित करते हुए कि हर बच्चे को, चाहे वह कहीं भी रहता हो, अच्छी शिक्षा के साथ पढ़ाई को मजेदार और असरदार बनाने के लिए नए तरीके अपनाए और शिक्षा से स्थानीय लोगों और समुदायों को जोड़ा। बस्तर ने दिखाया कि सही योजना और तकनीक के इस्तेमाल से पिछड़े जिलों में भी शिक्षा को बेहतर बनाया जा सकता है। इन प्रयासों से छात्रों को पढ़ाई में मदद मिली। शिक्षकों और छात्रों के बीच संबंध मजबूत हुए और शिक्षा प्रणाली अधिक समावेशी बनी।
और बेहतर करेंगे स्तर: बघेल
यह उपलब्धि दिखाती है कि बस्तर ने शिक्षा में शानदार काम किया है और यह अन्य जिलों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत है। बस्तर संभाग के सभी सातों जिले आकांक्षी हैं बस्तर जिले में 2,356 सरकारी स्कूल, में 1526 प्राथमिक, 638 मिडिल, 76 हाइस्कूल, 101 हायर सेकंडरी, सात एकलव्य और आठ स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय सरकारी क्षेत्र में संचालित हैं।इनके अलावा 164 गैर अनुदान और 16 अनुदान प्राप्त स्कूलों का संचालन भी किया जा रहा है। जिला शिक्षा अधिकारी बलिराम बघेल ने इस पुरस्कार के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों, शिक्षकों, छात्रों के साथ शिक्षा जगत से जुडे सभी लोगों को बधाई दी और उन्होंने कहा हम इस राशि का इस्तेमाल कलेक्टर सर के मार्गदर्शन में शिक्षा स्तर को और अधिक बढ़ाने में करेंगे।