रायपुर। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने भाजपा की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी को कांग्रेस की चिंता करने के बजाय अपने ही दल की आंतरिक स्थिति पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा में गुटबाजी इतनी गहराई तक फैल चुकी है कि सरकार बनने के एक साल बाद भी मंत्रिमंडल के दो पद खाली पड़े हैं।
सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, धरमलाल कौशिक, बृजमोहन अग्रवाल, अजय चंद्राकर, अमर अग्रवाल और राजेश मूणत जैसे वरिष्ठ नेताओं को भाजपा सरकार में तिरस्कृत कर दिया गया है। पार्टी में अंदरूनी कलह के कारण मुख्यमंत्री को मंत्रिमंडल विस्तार से डर लग रहा है, क्योंकि भाजपा को पता है कि जैसे ही ये पद भरे जाएंगे, पार्टी में असंतोष और विद्रोह की लहर उठेगी।
उन्होंने कहा कि भाजपा के लिए सबसे बड़ा सवाल यह है कि छत्तीसगढ़ में उनकी सरकार चला कौन रहा है? पार्टी के नेता, कार्यकर्ता और यहां तक कि सरकारी अधिकारी भी स्पष्ट नहीं कर पा रहे हैं कि वास्तविक सत्ता किसके हाथ में है। भाजपा की सरकार दिल्ली के इशारों पर चल रही है, वहीं प्रदेश में मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के बीच तालमेल की भारी कमी है। वित्त मंत्री ओपी चौधरी के फैसलों पर भी लगातार सवाल उठ रहे हैं, जिससे सरकार के भीतर ही खींचतान मची हुई है।
भाजपा के निकाय चुनाव जीतने पर कटाक्ष करते हुए शुक्ला ने कहा कि भाजपा ने ईवीएम में गड़बड़ी कर जीत हासिल की है, लेकिन पंचायत चुनाव में जनता ने उसे सिरे से नकार दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा यह न भूले कि एक साल पहले छत्तीसगढ़ में उनके सिर्फ 14 विधायक थे, जबकि कांग्रेस के 71 विधायक थे। सभी महापौर, पालिकाएं और पंचायतें कांग्रेस के नियंत्रण में थीं। अगर भाजपा सत्ता में वापसी कर सकती है, तो कांग्रेस का 2028 में फिर से लौटना तय है।