रामाराम मंदिर से वापस लौटी माता चिटमिटिन की डोली, अन्य देवी देवता भी लौटे

0  माता मंदिर में दर्शन करने उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ 
0 सुकमा जिले में मेला मड़ई की हो गई शुरुआत 

जगदलपुर। बस्तर संभाग के जिला मुख्यालय सुकमा में माता चिटमिटिन की डोली रामाराम से वापस राजवाड़ा स्थित शीतला माता मंदिर लौट गई। साथ ही आंमत्रित किए गए सभी देवी-देवता, लाट, भैरम, मांझी मुखिया भी लौट गए। यहां पर पहले माता की डोली का आतिशबाजी से स्वागत किया गया उसके बाद राज परिवार के सदस्यों ने पूजा-अर्चना की। फिर मेले का आयोजन शुरू हुआ।
शीतला माता मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालु उमड़ पड़े। मेले में खरीदारी के लिए देर शाम तक लोगों का हूजूम लगा रहा। बुधवार को जिला मुख्यालय सुकमा के राजवाड़ा परिसर स्थित माता मंदिर में माता चिटमिटिन की छत्र व डोली वापस लौटी। यहां राजवाड़ा के समक्ष आतिशबाजी कर डोली व छत्र का स्वागत किया गया। उसके बाद राज परिवार के सदस्यों ने माता के मंदिर में पूजा-अर्चना की और क्षेत्र में शांति व खुशहाली की कामना की गई। वही आमंत्रित सभी देवी-देवता, लाट, भैरम, मांझी मुखिया भी लौट गए। रामाराम मेले के दुसरे दिन सुकमा स्थित राजवाड़ा में मेले का आयोजन किया जाता है। जिसमें आसपास के लोग शामिल होते हैं। आज से जिले में मेलों की शुरूआत हो गई। दोपहर के बाद से श्रद्धालुओं की भीड़ ऐसी उमड़ी कि मंदिर परिसर में पैर रखने की जगह नहीं बची थी। लोगो ने माता के दर्शन किए उसके बाद मेले का आनंद लिय। दोपहर के बाद राजवाड़ा परिसर के आसपास सैकड़ों दुकानें लगी थीं और छोटे-मोटे झूले भी लगाए गए थे। साथ ही बाजार में दूर-दराज से पहुंचे हजारों की ताताद में ग्रामीणों ने देर रात तक मेले का लुत्फ़ उठाया। सुकमा के राजवाड़ा परिसर के आसपास बड़े-बड़े झूले लगाऐं गए। साथ ही मनोरंजन के लिए रेल, डांस, दुकाने लगाई गई, जिन्हें देखने के लिए लोगो की भीड़ उमड़ पड़ी। सुबह भीड़ कम थी लेकिन शाम होते ही आने वाले की संख्या में बहुत तेजी से इजाफा हुआ। हर वर्ष की अपेक्षा इस बार ज्यादा लोग पहुंचे। भीड़ इतनी थी कि मुख्य चैराहे से लेकर राजवाड़ा स्थित शिव मंदिर तक पैर रखने की जगह नहीं थी। वही देर शाम तक लोग आते-जाते रहे।

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