भ्रष्टाचार उजागर करने वाले पत्रकारों को झूठे आरोपों में घेरने की कोशिश

0 तिलमिलाए कुछ सरपंचों और सचिवों का कारनामा 
0 भाजपा सरकार को बदनाम करने वालों के निशाने पर अब पत्रकार 
जगदलपुर। भ्रष्टाचार उजागर होने से तिलमिलाए कुछ सरपंच और सचिव अब झूठे आरोप लगाकर मीडिया को डराने की कोशिश की जा रही है। डराने धमकाने का यह खेल वही सरपंच और सचिव कर रहे हैं, जिनकी करतूतों को मीडियाकर्मियों ने उजागर किया था। कांग्रेस शासनकाल में भ्रष्टाचार का खुला खेल खेलने वाले कुछ सरपंच सचिवों के निशाने पर अब पत्रकार आ गए हैं।. राज्य की भाजपा सरकार को बदनाम करने का कुचक्र रचने वाले इन सरपंच और सचिवों ने कमिश्नर के पास शिकायती पत्र भेजकर नया पैतरा चला है। इस कृत्य में बकावंड जनपद के पूर्व सीईओ और पंचायतों के निर्माण कार्यों का ठेका लेने वाले एक पंचायत सचिव की बड़ी भूमिका होने की खबर है।
संभाग आयुक्त कार्यालय द्वारा जारी एक नोटिस जनसंपर्क कार्यालय के माध्यम से बकावंड के दो पत्रकारों को मिला है। इन दोनों पत्रकारों को संभाग आयुक्त कार्यालय पहुंच कर अपना बयान दर्ज कराने कहा गया है। दरअसल जनपद पंचायत द्वारा अनुशंसित पंचायत सचिवों के तबादले की सूची जिला पंचायत में सालभर से लटकी होने, कुछ ग्राम पंचायतों में निर्माण कार्यों के नाम पर हो रही धांधली, बिना कोई कार्य कराए ही पूरी राशि आहरित कर ली जाने, निर्माण कार्यों में गुणवत्ता का जरा भी ध्यान न रखे जाने, कई पंचायत सचिवों के एक ही जगह पर सालों से पदस्थ रहने, शासन की जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए ग्रामीणों से रकम मांगने आदि की खबरें बकावंड के पत्रकार लगातार प्रकाशित कर प्रशासन और शासन का ध्यान आकर्षित कराते रहे हैं। इसके अलावा विधानसभा चुनावों के दौरान एक दल विशेष के लिए तत्कालीन सीईओ द्वारा अपने चहेते सचिवों के जरिए सभी ग्राम पंचायतों से की गई लाखों रुपयों की उगाही का मामला भी इन पत्रकारों ने उजागर किया था। ऐसे में तिलमिलाहट लाजिमी है। इसी तिलमिलाहट के चलते कुछ कुछ सरपंचों और सचिवों ने ऐसा संभाग आयुक्त के पास पत्रकारों के खिलाफ झूठी शिकायत कर दी है। इस साजिश में वो सरपंच भी शामिल हैं, जो लगातार अपनी पंचायत में विकास एवं निर्माण कार्यों में अनियमितता बरत रहे थे। उनके खिलाफ भी समाचार ये दोनों पत्रकार खबर प्रकाशित करते रहे हैं जिससे अपने कारनामों पर पर्दा डालने के लिए इन लोगों ने सरपंच एवं सचिव संघ का सहारा लिया है। कांग्रेस नेताओं की शह पर ही मीडिया को बदनाम करने का कुचक्र इन भ्रष्ट सचिवों सरपंच द्वारा किया जा रहा है। कलेक्टर द्वारा कुछ दिनों पहले ही जनपद सीईओ को बकावंड से बास्तनार में पदस्थ कर दिया गया है। उनके इशारे पर ही कुछ सचिव और सरपंचों ने झूठी शिकायत का सहारा लिया है। पूर्व सीईओ के कार्यकाल के दौरान बकावंड जनपद की ग्राम पंचायतों में सरकारी धन की जमकर बंदरबांट हुई है। सारे निर्माण कार्य दिखावे के लिए किए गए हैं। इन कार्यों की वृहद जांच कराई गई तो बड़ा घोटाला उजागर होगा। वहीं बकावंड जनपद के पंचायत सचिव की ठेकेदारी भी सुर्खियों में रही है। ये सचिव महाशय अपने परिवार के एक सदस्य के नाम पर कंस्ट्रक्शन कंपनी चला रहे हैं और प्रायः सभी ग्राम पंचायतों में सरकारी योजनाओं के तहत होने वाले निर्माण कार्यों का ठेका इसी कंपनी को मिलता है। ये सारे खुलासे बकावंड के दोनों पत्रकारों ने किए हैं। अब दागी सरपंच, सचिव उन्हें ही जांच के दायरे में लाने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं।

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