जगदलपुर। वसंत पंचमी में देवी मां सरस्वती की पूजा विशेष रूप से की जाती है। यह माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है यह दिन ज्ञान और कला की देवी को समर्पित है। यह पर्व बसंत के आगमन का भी संकेत देता है इसलिए इसे बसंत पंचमी भी कहते हैं। बसंत पंचमी पर विद्यार्थी, कला, लेखन से जुड़े लोग विशेष रूप से इस दिन मां सरस्वती का आशीर्वाद लेते है। इसी तरह सभी विद्यालयों महाविद्यालयों में मां सरस्वती की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। इसी क्रम में डीएवी मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल उलनार में प्राचार्य मनोज शंकर के मार्गदर्शन में वसंत पंचमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया।
इस अवसर पर विशेष प्रार्थना सभा आयोजित की गई। कार्यक्रम की शुरूआत विद्यालय के प्राचार्य द्वारा मां सरस्वती के छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करते हुए मां सरस्वती वंदना के साथ पुष्पर्पित कर की गई। साथ ही विद्यालय के समस्त शिक्षकगण पीले वस्त्र धारण किए हुए थे। सभी बच्चों ने मां सरस्वती के समक्ष पुष्पर्पित कर मां की आराधना की। प्राचार्य ने वसंत पंचमी का महत्व विस्तार से बताते हुए सर्वप्रथम सभी को वसंत पंचमी की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि वसंत पंचमी का आयोजन हमारे विद्यालय में एक महत्वपूर्ण परंपरा है। यह हमें हमारी संस्कृति और परंपराओं के बारे में जानने का अवसर प्रदान करता है। वसंत का पर्व नई ऊर्जा व ताजगी का संचालन करता है, इसलिए हम सबको वसंत का त्योहार मनाना चाहिए। इस अवसर पर कक्षा चौथी की बिंदिया सेठिया ने वसंत आगमन पर सुंदर सी कविता की प्रस्तुति दी। संगीत शिक्षक कृष्णकांत बर्मन ने भी सभी को वसंत पंचमी की शुभकामनाएं दी और अपने सुरीले गायन से मां सरस्वती की वंदना की। अंत में सबको प्रसाद वितरित किया गया। इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य, समस्त विद्यार्थी एवं शिक्षक उपस्थित थे।