० साफ सुथरी छवि वाले नेता बैज को बदनाम करने की बड़ी साजिश
जगदलपुर। कांटे कांग्रेस के कंटकों को पीसीसी चीफ दीपक बैज की कांग्रेस की राह से कांटे हटाने की मुहिम रास नहीं आ रही है। यही वजह है कि कांग्रेस की साख पर बट्टा लगाते रहे लोग अब अनर्गल प्रलाप करने लगे हैं। कांग्रेस के चंद नेताओं को स्वच्छ छवि वाले आदिवासी नेता दीपक बैज का प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनना नागवार गुजर रहा है। दीपक बैज द्वारा जबसे भ्रष्ट कांग्रेसियों पर लगाम लगाने और सभी पार्टीजनों को उनका काम समझने का कार्य शुरू किया गया है, तभी से कुलदीप जुनेजा जैसे लोग दीपक बैज पर अनर्गल आरोप लगाते आ रहे हैं। पार्टी आलाकमान भी चाहता है कि प्रदेश में स्वच्छ छवि का आदिवासी नेता ही प्रदेश कांग्रेस की बागडोर सम्हाले और कांग्रेस में भर आए कचरों को साफ करे। मगर कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की मंशा पर कुछ दुराग्रही किस्म के कांग्रेस नेता पलीता लगाने की बड़ी भूल कर रहे हैं।
दीपक बैज बड़ी ही साफ सुथरी छवि वाले नेता हैं। सार्वजनिक जीवन में आज तक उन पर एक भी दाग नहीं लगा है। उन्हें निपटाने के फेर में कांग्रेस का सूपड़ा साफ करने में इन चंद नेताओं ने कोई कमी नहीं की है। लोकसभा चुनाव में बस्तर सीट से दीपक बैज का टिकट कटवाने के लिए छत्तीसगढ़ से लेकर दिल्ली तक कैसे कैसे दांव आजमाए गए थे, इसे पूरे छत्तीसगढ़ ने देखा है। वहीं विधानसभा चुनाव में चित्रकोट सीट से दीपक बैज को हराने के लिए पूरे समय देर रात तक गांव गांव में साजिशों के तानेबाने बुने जाते रहे, मुर्गा, दारू बकरा बंटवाए जाते रहे। नतीजतन दीपक बैज को हार का सामना करना पड़ा, मगर वे टूटे नहीं। दीपक बैज पूरी ताकत के साथ छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को मजबूत बनाने और पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं को मुस्तैद बनाए रखने में लगे रहे। कांग्रेस में नया प्राण फूंकने का काम दीपक बैज ने किया है। उन्होंने कांग्रेस पर धब्बा लगाने वाले स्वार्थी नेताओं पर नकेल कसना क्या शुरू कर दी, विरोधियों के पेट में मरोड़ उठने लगी। यही तत्व अब दुष्प्रचार करने लगे हैं कि नगरीय निकाय और पंचायत चुनावों में टिकट बेचे गए हैं।
दरअसल छत्तीसगढ़ की सत्ता में रहते तक जिन कांग्रेस नेताओं ने जमकर मलाई छानी थी, सत्ता से जुदा होने के बाद उनकी बेचैनी इस कदर बढ़ गई है कि वे अब अपने ही नेताओं को कटघरे में खड़े करने पर आमादा हो गए हैं। स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर पूरे प्रदेश के कांग्रेसी खेमे में हाहाकार मचाने की कोशिश की जा रही है। कुछ लोग प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पर टिकट बेचने का आरोप लगा रहे हैं। कार्यकर्ताओं के मन में यह बात फिट करने की कोशिश चल रही कि पार्षद से लेकर महापौर तक का टिकट बेचा गया है। पूर्व विधायक कुलदीप जुनेजा ने आरोप लगाया कि पैसे लेकर टिकट बेच दिए गए है और टिकट का गलत वितरण हुआ है। जुनेजा के इस आरोप में अगर कोई दम है तो वे पार्टी नेतृत्व के समक्ष सबूतों के साथ शिकायत कर सकते हैं, मगर यहां तो मामला और मंशा कुछ और ही है। दरअसल यह अपने एक आका नेता को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज करवाने की कवायद के सिवाय कुछ नहीं है। छत्तीसगढ़ प्रदेश में फ़िलहाल कांग्रेस का हाल छत्तीसगढ़ राज्य के बनने से लेकर अभी तक सबसे बुरा देखने को मिल रहा है। कमोबेश पूरे प्रदेश में इन हालातों में भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस से बहुत आगे निकलते दिख रही है, वहीं कांग्रेस में अभी तक टिकट के लड़ाई-झगड़े, आरोप-प्रत्यारोप और टिकट की लड़ाई की उलझन में उलझ अभी तक चुनाव मैदान में जीत के लिए नहीं उतर नहीं पा रहे हैं। दस दिन का शेष समय रह गया है, चुनाव अंतिम पायदान पर है और मात्र आठ दिन प्रचार के लिए है बचे हुए हैं। पार्टी से जुड़े पुराने कार्यकर्ताओं के अनुसार छत्तीसगढ़ के सभी नगर निगम और नगर पालिकाओं में कांग्रेस की वर्तमान स्थिति एकदम दयनीय हालात नजर आ रही है