रायपुर। मोदी सरकार की अदूरदर्शिता का प्रमाण है 2025 का केंद्रीय बजट। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि इस बजट ने देश की जनता को निराश किया है। यह बजट बताता है कि मोदी सरकार के आने वाले साल भी देश की जनता के लिए अच्छा नहीं रहने वाला, बजट में कोई भी दूरदर्शिता नहीं दिख रही। युवा, किसान, मजदूर, महिला सभी इस बजट से खुद को ठगा महसूस कर रहे है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि पीएम कृषि योजना लागू करने की बात की गयी है लेकिन किसानों के उपज की पूरी कीमत मिले इसके लिये एमएसपी को कानूनी गारंटी के लिए कोई प्रावधान नहीं। इसके साथ ही कृषि ऋण माफी पर बजट में कुछ नहीं। पीएम फसल बीमा योजना में सुधार के लिए कुछ नहीं है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मनरेगा के बजट में कोई बढ़ोत्तरी नहीं, मनरेगा मजदूरी बढ़ाने के बारे में कुछ भी नहीं। मनरेगा के बजट में कटौती कर दिया। रोजगार बढ़ाने के लिए कोई प्रावधान नहीं। युवाओं को रोजगार के नये अवसर कैसे बढ़ेंगे। इस बजट में कुछ भी नहीं बताया है। महिलाओं के लिए बजट में कुछ नहीं। मोदी सरकार की प्राथमिकताओं में जनकल्याणकारी योजनाएं नहीं है, खाद सब्सिडी, खाद्य सब्सिडी, मनरेगा, एमएसपी की गारंटी, स्वामीनाथन कमेटी के अनुसार एमएसपी और सामाजिक सुरक्षा के मद में कोई विशेष प्रावधान नहीं है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि देश के युवा तो अब रोजगार की उम्मीद भी छोड़ चुके हैं देश की कार्यशक्ति में महिलाओं की भागीदारी लगातार घटती जा रही है किसानों की आय दुगुनी करने की गारंटी दी थी लेकिन किसानों की आमदनी लगातार कम होती जा रही है और कर्ज का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है और लगातार किसानों की आत्महत्या की खबर आ रही है भाजपा की जुमला नीति से महंगाई की मार लगातार बढ़ती जा रही है ना गैस सिलेंडर के दाम कम हुए ना खाद्य पदार्थो के दाम कम करने को लेकर कोई प्रयास इस बजट में नजर आया परिवारों की बचत खाली होती जा रही है अपना घर चलाने के लिए भी लोगो को जद्दोजहद करना पड़ रहा है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमत 30 से 40 प्रतिशत कम होने के बाद भी देश की आम जनता को 1 रू. की भी राहत पेट्रोल और डीजल में नहीं दी गई, 11 सालों में केंद्र सरकार द्वारा देश की आम जनता से पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज के रूप में 36 लाख करोड़ रुपए की वसूली की गई। 2014 की तुलना में वर्तमान में क्रूड आयल लगभग आधे दाम पर है। पेट्रोलियम उत्पाद पर सेंट्रल एक्साइज में रियायत का कोई प्रावधान इस बजट में नहीं है।