रायपुर। छत्तीसगढ़ के चर्चित 2161 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार कर आज कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर भेजते हुए 5 फरवरी को फिर से पेश करने का आदेश दिया।
लखमा ने आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि यह चुनावों को ध्यान में रखते हुए उनकी साजिश है। उन्होंने कहा, “मुझे फंसाया जा रहा है, मैं निर्दोष हूं। बस्तर के लोग हमेशा शिकार बनते हैं।” उन्होंने कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है और सच्चाई जल्द सामने आएगी। साथ ही, उन्होंने करोड़ों रुपये के लेन-देन के आरोपों को नकारते हुए यह भी कहा कि उनके घर से कोई अवैध धन बरामद नहीं हुआ।
ईडी की जांच में सामने आया है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस शासनकाल के दौरान शराब की दुकानों पर डुप्लिकेट होलोग्राम लगाए जाते थे, जिससे राज्य को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ। इसमें उत्तर प्रदेश की एक कंपनी PHSE का नाम सामने आया, जिसने नकली होलोग्राम बनाए थे और भारी कमीशन लिया था।
ईडी के अनुसार, कवासी लखमा ने इस घोटाले से प्राप्त आय का हिस्सा हर महीने लिया। 28 दिसंबर 2024 को ईडी ने लखमा और उनके बेटे हरीश लखमा के घरों पर छापे मारे थे और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज़ और डिजिटल डिवाइस बरामद किए थे। इसके बाद उनकी गिरफ्तारी की गई।