० ईडी के पास पर्याप्त सबूत, और लोगों से होंगे तलब
० ईडी के वकील ने किए मीडिया के सामने कई बड़े खुलासे
जगदलपुर। पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा 7 दिन यानि 21 जनवरी तक ईडी की कस्टडी में रहेंगे और उनसे लंबी पूछताछ होगी। इस बीच ईडी के वकील ने खुलासा किया है कि कवासी लखमा को शराब कार्टल से हर माह दो करोड़ रुपए मिलते थे। वकील का दावा है कि सुकमा में ईडी द्वारा की गई पड़ताल में कवासी लखमा के बेटे हरीश कवासी और सुकमा नगर पालिका अध्यक्ष के ठिकानों से कई साक्ष्य मिले हैं।
ईडी के वकील ने मीडिया को बताया कि हमने कोर्ट से कवासी लखमा की की 14 दिन की रिमांड मांगी थी, मगर सात दिन की रिमांड मिली है। कवासी लखमा 21 जनवरी तक ईडी की हिरासत में रहेंगे। वकील ने बताया कि शराब घोटाले से जुड़े कई अहम साक्ष्य मिलने पर और गवाहों को प्रभावित एवं साक्ष्य नष्ट न कर पाएं इसके आधार पर कवासी लखमा की गिरफ्तारी की गई है। उन्होंने बताया कि सुकमा में हरीश कवासी और जगन्नाथ साहू के ठिकानों की तलाशी में ईडी को महत्वपूर्ण सबूत मिले हैं। इसके साथ ही मामले में अरविंद सिंह का रिकॉर्डेड बयान है कि शराब कार्टल से हर माह 50 लाख रुपए कवासी लखमा के पास जाते थे। इसके अलावा अरुणपति त्रिपाठी का बयान है कि इसके अलावा डेढ़ करोड़ शराब कार्टल से अलग जाते थे। इस तरह 36 माह में 72 करोड़ रुपए दिए गए। आबकारी अधिकारी इक़बाल खान और जयंत देवांगन ने भी इसकी पुष्टि की है और बताया है कि पूरे दो करोड़ रुपए हर माह सुकमा पहुंचाए जाते थे और यह रकम सुकमा में कन्हैया लाल कुर्रे कलेक्ट करते थे। इस धन को सफेद बताने के के लिए उसमें से काफी रुपए हरीश कवासी के मकान निर्माण और जिला कांग्रेस कार्यालय भवन बनाने में लगाए गए हैं। हरीश कवासी और जगन्नाथ साहू के घरों से कई महत्वपूर्ण साक्ष्य मिले हैं। वकील ने बताया कि पूछताछ के लिए और भी कई लोगों को समन किया जाएगा। अब कयास लगाया जा रहा है कि कुछ और पूर्व मंत्री, नेता और अफसर ईडी की जांच के दायरे में आ सकते हैं। उधर गिरफ्तारी के दौरान कवासी लखमा ने खुद को गरीब बताते हुए कहा कि मैंने सुकमा क्षेत्र में हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ और आदिवासी हितों के लिए आवाज उठाई थी, इसलिए मुझे झूठे केस में फंसाया गया है।