कांग्रेस का बीजेपी पर डॉ. अंबेडकर के अपमान का आरोप, इस्तीफे की मांग

रायपुर। राज्यसभा सांसद रंजीता रंजन और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ताम्रध्वज साहू ने बीजेपी पर संविधान और संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाया है। रंजीता रंजन ने कहा कि 18वीं लोकसभा के शीतकालीन सत्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने संविधान और डॉ. अंबेडकर का अपमान किया, जो भारतीय संसदीय इतिहास में एक काले अध्याय के रूप में दर्ज होगा।

रंजीता रंजन ने बताया कि जब कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के दलों ने संविधान के 75 वर्षों की वर्षगांठ पर संसद में चर्चा करने की मांग की, तो बीजेपी ने हमेशा इससे बचने की कोशिश की। लेकिन जब विपक्ष ने संविधान पर चर्चा की मांग की, तब सरकार ने इसे स्वीकार किया। इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने डॉ. अंबेडकर का अपमान करते हुए कहा कि “अभी एक फैशन हो गया है अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।” रंजीता रंजन ने कहा कि यह टिप्पणी बीजेपी की मनुवादी मानसिकता को उजागर करती है।

कांग्रेस ने अमित शाह की इस टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शाह के इस्तीफे की मांग की है। कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी और उसकी मातृसंस्था हमेशा से डॉ. अंबेडकर और संविधान के विरोधी रहे हैं।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ताम्रध्वज साहू ने कहा कि डॉ. अंबेडकर केवल संविधान निर्माता नहीं, बल्कि करोड़ों भारतीयों के अधिकारों के संरक्षक थे। उन्होंने कहा कि बीजेपी को यह बर्दाश्त नहीं हो रहा कि अंबेडकर की सोच के कारण वंचित वर्गों को उनके अधिकार मिल रहे हैं। साहू ने बीजेपी और अमित शाह के खिलाफ तीव्र नाराजगी जताते हुए कहा कि वे बाबा साहब के खिलाफ किसी भी प्रकार की टिप्पणी को बर्दाश्त नहीं करेंगे और अमित शाह को माफी मांगनी चाहिए।

कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी ने सदन में विपक्षी सांसदों के साथ अभद्रता की और उन्हें प्रवेश से रोका। सत्तारूढ़ दल के सांसदों ने कांग्रेस के 81 वर्षीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को धक्का देकर गिरा दिया। साथ ही कांग्रेस की महिला सांसदों के साथ भी धक्का-मुक्की की गई। कांग्रेस ने इसे भारतीय संसदीय इतिहास का एक काला धब्बा करार दिया और कहा कि बीजेपी का यह आचरण निंदनीय है। कांग्रेस ने स्पष्ट किया है कि जब तक अमित शाह इस्तीफा नहीं देंगे, उनका विरोध जारी रहेगा।

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