० कोमटपल्ली में नक्सलियों का सबसे विशाल स्मारक
० सुरक्षा बलों के जवानों ने स्तंभ को किया ध्वस्त
(अर्जुन झा) जगदलपुर। बस्तर संभाग के घनघोर जंगल में क़ुतुबमीनार सरीखा विशाल स्तंभ मिला है। इस कुतुब मीनार को सुरक्षा बलों के जवानों ने कुछ ही घंटे में जमींदोज कर दिया। आप अचरज में पड़ गए होंगे कि क़ुतुब मीनार का दीदार करने दुनिया भर के लोग दिल्ली पहुंचते हैं। फिर भला बस्तर के इस नकली ही सही क़ुतुब मीनार सरीखी धरोहर को ध्वस्त करने की जरूरत क्यों पड़ गई? तो चलिए बताते हैं बस्तर के इस अजूबे क़ुतुब मीनार की कहानी। दरअसल बस्तर में सक्रिय नक्सली अपने मृत साथियों की स्मृति को संजोए रखने के लिए स्मारकों का निर्माण करते हैं। स्मारक की ऊंचाई 5-7 फीट ही होती है, मगर संभाग के बीजापुर जिले में एक ऐसा नक्सली स्मारक मिला है, जिसकी ऊंचाई 10, 20 या 25 फीट नहीं बल्कि पूरे 62 फीट थी। बीजापुर जिले का वाटेवागु इलाका नक्सलियों का कोर इलाका माना जाता है। इस कोर इलाके में भी सुरक्षा बलों की धमक हो गई है। वाटेवागु में बीते 20 दिसंबर को सुरक्षा बलों का कैंप स्थापित किया गया और इसके साथ ही सुरक्षा बलों के जवानों ने वहां के जंगलों की खाक छानना शुरू कर दी। डीआरजी, एसटीएफ, कोबरा 210, 205, बीडीएस एवं सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने 23 दिसंबर को ग्राम कोमटपल्ली के जंगल में नक्सलियों द्वारा स्थापित 62 फीट ऊंचे स्मारक को ढूंढ निकाला और कुछ ही देर में उसे जेसीबी की मदद से ध्वस्त भी कर दिया।मौके पर अभियान दल के साथ सीआरपीएफ के उप महानिरीक्षक ऑप्स बीजापुर सेक्टर देवेंद्र सिंह नेगी, पुलिस अधीक्षक बीजापुर डॉ. जितेंद्र कुमार यादव, कमांडेंट 210वीं कोबरा बटालियन अशोक कुमार, कमांडेंट कोबरा 205वीं बटालियन नरेश पवार, एएसपी मयंक गुर्जर, कमांडेंट 222वीं बटालियन विजेंद्र कुमार, डीएसपी महंत कुमार सिंह, तिलेश्वर एवं अन्य अधिकारी, कर्मचारी मौके पर उपस्थित थे।क्षेत्र में लगातार गश्त सर्चिंग अभियान जारी है।