दल्ली राजहरा। आदिम जनजाति की कला, संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित रखने तथा मजबूती करने एवं आज की पीढ़ी को उनसे अवगत कराने के उद्देश्य से प्रसिद्ध श्रमिक नेता स्व. शंकर गुहा नियोगी के सुपुत्र जीत गुहा नियोगी लगातार प्रयासरत हैं। इसी कड़ी में जीत गुहा नियोगी के नेतृत्व वाले संगठन जनमुक्ति मोर्चा द्वारा हर साल अमर शहीद वीर नारायण सिंह की स्मृति में वीर मेला का आयोजन किया जाता है। इस साल भी वीर मेला का भव्य आयोजन संपन्न हुआ।
कृषि कार्यालय परिसर के सामने मैदान पर आयोजित वीर मेले में भारी भीड़ उमड़ी। छत्तीसगढ़ की परंपरा
के अनुसार कई गांवों के देवी देवताओं, बैगा, गुनिया, सिरहाओं को वीर मेले में आमंत्रित किया गया था। मड़ई, ध्वजाएं लेकर पहुंचे लोगों ने देवी देवताओं की विधिवत पूजा अर्चना की, जिसके बाद ध्वजाओं और मड़ई को मेला भ्रमण कराया गया। मेले मिठाइयों, फल फूल, खिलौनों, सौंदर्य सामग्री, सब्जियों की दुकानें लगी थी, झूले आदि भी थे। लोगों ने मेले का भरपूर आनंद उठाया। पिछले वर्ष भी 2 दिवसीय वीर मेले का आयोजन हुआ था। 21 परगनाओं के आदिवासी समुदाय के प्रतिष्ठित लोग अपने देवी देवताओं के साथ इस मेले का हिस्सा बनते आ रहे हैं। इसका मूल उद्देश्य है कि मजदूरों, किसानों आदिवादियों की भावना और उनके रोजी रोटी को लेकर लगातार सत्ता से संघर्ष करने वाले वीर नारायण सिंह, बिरसा मुंडा जैसे क्रांतिकारियों के साथ वीर भगत सिंह के बलिदान को जन जन तक पहुंचाना। अपने इस मिशन में जीत गुहा नियोगी और उनका संगठन जनमुक्ति मोर्चा सफल भी हो रहे हैं।