० पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर झूठ बोलने का आरोप: भाजपा ने कांग्रेस की विश्वसनीयता पर उठाए सवाल
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र के दौरान पत्रकार सुनील नामदेव के साथ कथित दुर्व्यवहार और कांग्रेस विधायकों के आचरण को लेकर राज्य की राजनीति गरमा गई है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस विधानसभा का उन्होंने पांच वर्षों तक नेतृत्व किया, वहां झूठ बोलने की जरूरत क्यों पड़ी?
भूपेश बघेल का बयान और भाजपा का पलटवार
भूपेश बघेल ने पत्रकार सुनील नामदेव को “फर्जी पत्रकार” करार देते हुए कहा था कि वह “पत्रकार के भेस में विधानसभा में घुस आए” और इसे सुरक्षा चूक का मामला बताया। हालांकि, भाजपा का दावा है कि सुनील नामदेव के पास 16 से 20 दिसंबर 2024 तक हुए विधानसभा सत्र का वैध प्रवेश पास था। साथ ही, वह छत्तीसगढ़ विधानसभा पत्रकार दीर्घा सलाहकार समिति के सदस्य भी हैं, जिसमें केवल चुनिंदा पत्रकारों को जगह दी जाती है।
अमित चिमनानी ने लगाए गंभीर आरोप
भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी ने भूपेश बघेल के बयान को “झूठ” और “जनता को गुमराह करने वाला” बताया। उन्होंने कहा,
“पूर्व मुख्यमंत्री का यह कृत्य विधानसभा के प्रति जनता के विश्वास को ठेस पहुंचाने वाला है। जनता विधानसभा में कहे गए शब्दों को पूर्णत: सत्य मानती है। भूपेश बघेल ने न केवल झूठ बोला, बल्कि कांग्रेस विधायकों के अमर्यादित व्यवहार और गुंडागर्दी को छिपाने के लिए यह कदम उठाया।”
चिमनानी ने कांग्रेस पर संविधान का अनादर करने और लोकतांत्रिक मूल्यों की अवहेलना करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इस घटना के बाद कांग्रेस की विश्वसनीयता पूरी तरह समाप्त हो चुकी है।
क्या है मामला?
विधानसभा सत्र के दौरान कथित तौर पर कांग्रेस विधायकों ने पत्रकार सुनील नामदेव के साथ धक्कामुक्की और धमकीबाजी की। इस घटना के बाद, भूपेश बघेल ने नामदेव को “फर्जी पत्रकार” बताया। भाजपा का कहना है कि बघेल का यह बयान कांग्रेस विधायकों के गलत आचरण को छुपाने का प्रयास था। भाजपा ने इस पूरे मामले में कांग्रेस से स्पष्टीकरण मांगते हुए कहा कि भूपेश बघेल और कांग्रेस विधायकों को अपने बयान और आचरण के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।