० हैदराबाद बाद में मिले रेड्डी, बैज और महेश गौड़ा
(अर्जुन झा) जगदलपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष दीपक बैज ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री एवं अपने पूर्व साथी सांसद रेवंत रेड्डी से हैदराबाद में सौजन्य मुलाकात की। इस दौरान तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बी. महेश गौड़ भी उपस्थित थे। दीपक बैज, रेवंत रेड्डी और बी. महेश गौड़ा की इस मुलाकात के राजनीतिक मायने भी हैं।कांग्रेस भले ही छत्तीसगढ़ चुनाव हारी है, किंतु पीसीसी चीफ के तौर पर दीपक बैज एक लोकप्रिय एवं दमदार नेता के रूप में उभरे हैं।निकट भविष्य में इस मुलाकात के सकारात्मक परिणाम कांग्रेस के पक्ष में जरूर नजर आएंगे।
तेलंगाना सीजी से सटा हुआ राज्य है। दोनों राज्यों की सीमाएं एक दूसरे को स्पर्श करती हैं और छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती जिलों सुकमा, बीजापुर और दंतेवाड़ा के सरहदी गांवों में जहां तेलंगाना और आंध्राप्रदेश की संस्कृति, बोलचाल एवं खान पान की झलक नजर आती है, वहीं तेलंगाना एवं आंध्रप्रदेश के सीमाई गांव शहरों में छत्तीसगढ़ी कल्चर के दर्शन होते हैं। दोनों राज्यों में होने वाली राजनीतिक हलचल का परस्पर असर दोनों राज्यों पर पड़ता है। इस लिहाज से दीपक बैज की तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और वहां के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बी. महेश गौड़ा से हुई मुलाकात कांग्रेस को दूरगामी और सकारात्मक परिणाम देने वाली साबित होगी। दीपक रेवंत रेड्डी एक सांसद के रूप में दीपक बैज की प्रखरता से भलिभांति अवगत हैं। साथ ही छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में बैज की नेतृत्व क्षमता से भी रेड्डी और गौड़ा अब वाकिफ हो चुके हैं। कांग्रेस को छत्तीसगढ़ में गुटबाजी के रोग से मुक्त करने में दीपक बैज ने एक कुशल चिकित्सक की भूमिका निभाई है। यह बात भी तेलंगाना के ये दोनों नेता बेहतर जान गए हैं। इसके अलावा दोनों राज्यों के बीच बेहतर संगठनात्मक तालमेल भी आवश्यक है। इस नजरिए से दीपक बैज की रेवंत रेड्डी एवं बी. महेश गौड़ा से हुई भेंट जरूर कांग्रेस के लिए फायदेमंद साबित होगी। दीपक बैज के करीबी सूत्रों के अनुसार यह एक सौजन्य मुलाकात थी। भले ही यह सौजन्य मुलाकात रही हो और तीनों नेताओं के बीच कुछ भी चर्चा हुई हो, मगर जानकार कहते हैं कि दीपक बैज दूर की कौड़ी फेंक आए हैं, जिन्हें समेटना विपक्षी दल के लिए मुश्किल काम होगा।