0 सर्चिंग के दौरान विस्फोट, दोनों जवान खतरे से बाहर
(अर्जुन झा) जगदलपुर। बस्तर संभाग के नारायणपुर जिले में आईआईडी विस्फोट में जिला डीआरजी के दो जवान घायल हो गए हैं। घायल जवानों का नारायणपुर के जिला चिकित्सालय में इलाज चल रहा है।
यह घटना नारायणपुर के कोहकामेटा थाना क्षेत्र के कच्चापाल कैंप से तीन किमी दूर हुई है। यहां नक्सलियों द्वारा प्लांट किए गए प्रेशर आइईडी (इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) विस्फोट की चपेट में आकर डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड) बल के आरक्षक जनक पटेल और आरक्षक घासीराम मांझी घायल हो गए हैं। प्राथमिक उपचार के पश्चात दोनों जवानों को जिला अस्पताल नारायणपुर लाया गया है। दोनों जवानों की स्थिति खतरे से बाहर है। पुलिस ने बताया कि पुलिस कैम्प कच्चापाल से डीआरजी व बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) के जवान नक्सल गश्त सर्चिंग हेतु कच्चापाल तोके मार्ग के लिए रवाना हुए थे। सुबह लगभग साढ़े आठ बजे ग्राम कच्चापाल से पश्चिम दिशा में तीन किलोमीटर दूर यह घटना हुई है।
बौखला उठे हैं नक्सली
नक्सलियों की सबसे सुरक्षित पनाहगाह माने वाले अबूझमाड़ के जंगलों में लगातार सुरक्षा बलों के कैंप स्थापित किए जा रहे हैं। कल ही सातवां कैंप कोहकामेटा थाना अंतर्गत कच्चापाल में स्थापित किया गया है।इससे नक्सली बौखला उठे हैं। इसी बौखलाहट में नक्सलियों ने सड़क निर्माण में लगे जवानों पर सुबह आईडी ब्लास्ट कर दिया, जिसमें दो जवान घायल हुए हैं। ग्राम कच्चापाल में कैंप स्थापित होने से सरकार की नियद नेल्लानार योजना अंतर्गत केंद्र एवं राज्य सरकार की सभी योजनाओं को प्राथमिकता से आसपास के पांच गांवों तक पहुंचाया जाएगा। कच्चापाल क्षेत्र में नक्सली उन्मूलन के लिए कुतुल मार्ग पर सड़क निर्माण कार्य किया जा रहा है। जिसमें बस्तर फाइटर बीएसएफ 133 ,135 ,165वीं 11वीं वाहिनी, सीआरपीएफ, डीआरजी योगदान दे रहे हैं। नक्सली नहीं चाहते कि ग्रामीणों को पानी, सड़क, बिजली, शिक्षा, चिकित्सा जैसी बुनियादी सुविधाएं मिलें, ताकि वे ग्रामीणों को बरगलाते हुए अपना उल्लू सीधा करते रहें।