० शस्य-श्यामला होगी प्रदेश की 6.13 लाख हेक्टेयर भूमि, लाखों लोगों की बुझेगी प्यास
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी जोड़ो परियोजना से मध्यप्रदेश और राजस्थान को सिंचाई का पानी भी मिलेगा और पेयजल भी। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि पीकेसी परियोजना दोनों राज्यों की नदियों को सदानीरा बनाए रखेगी, इससे इन नदियों से संबद्ध भूमि शस्य-श्यामला बनेगी। पीकेसी परियोजना से मध्यप्रदेश को 3,000 और राजस्थान को 4,103 एमसीएम (मिलियन क्यूबिक मीटर) पानी मिलेगा।
प्रधानमंत्री श्री मोदी, मुख्यमंत्री डॉ. यादव, राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा और केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सी. आर. पाटिल की मौजूदगी में केन्द्र सरकार और दोनों राज्य सरकारों के अधिकारियों द्वारा परियोजना के लिए 17 दिसंबर 2024 को एमओए के साथ योजना के प्रथम चरण की आधारशिला रखी गई। परियोजना का क्रियान्वयन आगमी 8 वर्षों में किये जाने का लक्ष्य है।
मध्यप्रदेश के इन जिलों को मिलेगा लाभ
पीकेसी परियोजना से प्रदेश के गुना, मुरैना, शिवपुरी, भिंड, श्योपुर, उज्जैन, सीहोर, मंदसौर, इंदौर, देवास, आगर मालवा, शाजापुर और राजगढ़ जिलों में 22 परियोजनाओं से 3217 गांवों को लाभ मिलेगा। परियोजना के अंतर्गत 17 बांध एवं 4 बैराज समेत 21 जल संरचनाओं का निर्माण किया जाएगा। मालवा और चंबल क्षेत्र की 6.13 लाख हेक्टेयर भूमि हरीभरी हो जाएगी। साथ ही 40 लाख से अधिक आबादी को पेयजल उपलब्ध होगा।
पुरानी चंबल दायीं मुख्य नहर एवं वितरण तंत्र प्रणाली का होगा नवीनीकरण
पीकेसी परियोजना में लगभग 60 वर्ष पुरानी चंबल दायीं मुख्य नहर एवं वितरण तंत्र प्रणाली का नवीनीकरण एवं आधुनिकीकरण भी किया जाएगा। इससे मध्यप्रदेश भिंड, मुरैना एवं श्योपुर के 3 लाख 62 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया जायेगा।
25 दिसम्बर को मिलेगी केन-बेतवा परियोजना की सौगात
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि 25 दिसम्बर 2024 को मध्यप्रदेश को प्रधानमंत्री श्री मोदी केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना की सौगात देंगे। प्रधानमंत्री श्री मोदी खजुराहों (छतरपुर) में योजना के प्रथम चरण का शिलान्यास करेंगे। इससे मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के बुंदेलखण्ड अंचल के लोगों को सिंचाई और पेयजल प्राप्त होगा।