पोटा केबिन हॉस्टल में छात्रा की भूख से मौत? मचा सियासी बवाल, रोका गया कांग्रेस की टीम को

0 भूख से मौत होने का आरोप लगाते कांग्रेस ने जमकर मचाया हंगामा 
0 मामला सुकमा के बाला टिकरा पोटाकेबिन का 
(अर्जुन झा)जगदलपुर। बस्तर संभाग के सुकमा जिले में एक छात्रावासी छात्रा की मौत से सियासी तूफान खड़ा हो गया है। कांग्रेस का आरोप है की मासूम छात्रा की मौत भूख से हुई है। वहीं मामले को इस कदर गोपनीय रखा जा रहा है कि किसी के भी पोटा केबिन में जाने और वहां की अन्य छात्राओं से बात करने पर भी पाबंदी लगा दी है।
मामला सुकमा जिले के छिंदगढ़ विकासखंड अंतर्गत बाला टिकरा के पोटा केबिन का है। वहां दूसरी कक्षा की आदिवासी छात्रा रौशनी नाग की रहस्यमय परिस्थितियों में हो गई। बच्ची के शव का पोस्टमार्टम भी कराया गया है। सुकमा के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि छात्रा की मौत का कारण स्पष्ठ नहीं हो पाया है। बिसरा मेडिकल कालेज भेजा गया है। अब मेडिकल कॉलेज की रिर्पोट का इंतजार है। सुकमा जिले के बालाटिकरा पोटा केबिन में कक्षा दूसरी की छात्रा रोशनी नाग की अचानक मौत हो गई थी जिसके बाद राजनैतिक बवाल मच गया। विपक्षी दल कांग्रेस की जांच टीम को पुलिस ने पोटाकेबिन से पहले ही रोक दिया। इसके विरोध में कांग्रेस के नेता व कार्यकर्ता वहां करीब घंटे भर तक नारेबाजी करते रहे और कांग्रेस नेताओं ने पोटा केबिन प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया। वही सीएमएसओ ने कहा कि पीएम के दौरान बच्ची के शरीर में किसी भी प्रकार की आंतरिक व बाहरी चोट नहीं पाई गई है। अब मेडिकल कालेज की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। उसके बाद ही मौत की वजह पता चल पाएगी। उधर कांग्रेस ने छात्रा की मौत को लेकर मोर्चा खोल दिया है।मंगलवार को छिंदगढ़ ब्लाक के बालाटिकरा स्थित कन्या पोटा केबिन में मामले की जांच के लिए जा रहे कांग्रेस पार्टी के जांच दल को पोटा केबिन से 20 मीटर पहले ही पुलिस प्रशासन ने रोक दिया। इसके बाद कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया। वे लगातार नारेबाजी करते रहे। वही जांच कमेटी के संयोजक राजू राम नाग ने सवाल उठाया कि पोटा केबिन में जाने के लिए हमें क्यों रोका जा रहा है? इसका मतलब कुछ गड़बड़ है। व, हीं राजू साहू ने कहा कि आश्रम प्रबंधन की घोर लापरवाही है, हम लोगों को पता चला है कि बच्ची की मौत भूख के कारण हुई है। हमारी टीम सिर्फ छात्राओं से बातचीत करना चाहती थी, उसके बाद भी हमे रोका जा रहा है। प्रशासन ये सब राजनीतिक दबाव के चलते कर रहा है। क्योंकि पोटा केबिन की अधीक्षिका भाजपा नेता की पत्नी हैं और वे पोटा केबिन में रहती भी नहीं हैं। काफी देर तक हंगामा करने के बाद कांग्रेस जांच दल ने कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा और अधीक्षिका, डीएमसी तथा डीईओ के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। ऐसा न होने पर उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी गई है। इस दौरान आयशा हुसैन, गीता कवासी, महादेव मुचाकी, समीर खान, राजेेश नारा, गुलाम मुर्तुजा, लखमा राम नाग मौजूद रहे।

सच छुपाने की कोशिश
में यहां की सरपंच हूं और महिला भी हूं मुझे पोटा केबिन में जाने नहीं दे रहे हैं। जबकि मैंने कहा कि सिर्फ छात्राओं से बातचीत करूंगी और वहां अध्यनरत छात्राओं की तबीयत कैसी है उसके बारे में जानना है। आखिर उपोटा केबिन में ऐसा क्या है जो हमे जाने नहीं दिया जा रहा है?
-संजना नेगी,
सरपंच छिंदगढ़

वर्सन
सिर में सूजन थी
रोशनी नाग की सुबह 5.30 बजे अचानक तबीयत खराब हुई उसे जब छिंददगढ़ अस्पताल लाया गया तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। जिला अस्पताल में दो डाक्टरों की टीम ने पीएम किया। किसी भी प्रकार चोट के निशान नहीं मिले हैं और न ही कोई और कारण दिखा। हां रोशनी के सिर पर हल्की सूजन जरूर थी। इसलिए हमने बेहतर जांच के लिए मेडिकल कालेज सैंपल भेज दिया है। 7 दिनों के भीतर रिर्पोट आ जाएगी। उसके बाद ही स्पष्ट हो पाएगी।
-डॉ.कपिल कश्यप,
सीएमएचओ सुकमा

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