रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन विपक्ष ने एक अहम मुद्दा उठाया, जिसमें माइक्रो फाइनेंस कंपनियों की धोखाधड़ी का सवाल खड़ा किया गया। विपक्ष ने आरोप लगाया कि इन कंपनियों द्वारा महिला समूहों से ठगी की जा रही है और लोन वसूली के नाम पर महिलाओं को आधी रात को प्रताड़ित किया जा रहा है। खासकर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में यह ठगी और शोषण बढ़ रहा है, जहां ग्रामीणों को बुरी तरह से लूटा जा रहा है।
विपक्ष ने इस मुद्दे पर सरकार से गंभीर जांच की मांग की, यह आरोप लगाते हुए कि सरकार इस मामले में सिर्फ खानापूर्ति कर रही है और ठोस कार्रवाई से बच रही है। विपक्ष ने विधानसभा में इस विषय पर स्थगन प्रस्ताव लाकर चर्चा की मांग की, ताकि इस समस्या की गंभीरता को समझा जा सके और प्रभावी समाधान निकल सके। हालांकि, आसंदी ने विपक्ष के स्थगन प्रस्ताव को अग्राह्य कर दिया, जिससे विपक्षी दलों में निराशा व्याप्त हो गई।
यह मामला इस समय छत्तीसगढ़ में एक बड़ा राजनीतिक और सामाजिक मुद्दा बन चुका है, क्योंकि महिला समूहों के खिलाफ हो रही धोखाधड़ी और लोन वसूली के तरीकों ने पूरे राज्य में हलचल मचा दी है। विपक्ष ने राज्य सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश की है, ताकि इस गंभीर मुद्दे पर त्वरित कार्रवाई की जा सके और पीड़ितों को न्याय मिल सके।