रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन जल जीवन मिशन में कथित अनियमितताओं का मुद्दा छाया रहा। विपक्ष ने इस मामले पर सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए तीखे सवाल दागे। भाजपा के वरिष्ठ विधायक धरमलाल कौशिक ने प्रश्नकाल के दौरान मिशन में भ्रष्टाचार और कार्यप्रणाली की खामियों पर सरकार को घेरा।
“ठेकेदारों के टेंडर निरस्त क्यों नहीं हुए?”
धरमलाल कौशिक ने जल जीवन मिशन में हुई अनियमितताओं को लेकर सरकार पर सीधा हमला बोला। उन्होंने सवाल किया कि शिकायतों के बावजूद भ्रष्ट ठेकेदारों के टेंडर निरस्त क्यों नहीं किए गए? उन्होंने आरोप लगाया कि जनप्रतिनिधियों और आम जनता की शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है।
700 से ज्यादा शिकायतें, ठेकेदार ब्लैकलिस्ट
सरकार की ओर से जवाब देते हुए मंत्री अरुण साव ने कहा कि जल जीवन मिशन में आईं शिकायतों पर सरकार ने कार्रवाई की है। उन्होंने बताया कि 700 से अधिक शिकायतें दर्ज हुई हैं और कई ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट भी किया गया है। मंत्री ने दावा किया कि किसी भी गड़बड़ी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।
फर्जी प्रमाणपत्रों से करोड़ों का घोटाला?
बात यहीं नहीं थमी। धरमलाल कौशिक ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि ठेकेदारों ने फर्जी अनुभव प्रमाणपत्रों के आधार पर 100 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला किया है। उन्होंने मांग की कि इस पूरे मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ED) से कराई जाए ताकि सच सामने आ सके।
जांच के नतीजे आएंगे, दोषियों पर कार्रवाई होगी
मंत्री अरुण साव ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि सरकार ने मामले की जांच शुरू कर दी है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जांच के नतीजों के आधार पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। अगर जरूरत पड़ी तो दोषियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की जाएगी।
विधानसभा में गरमा-गरम बहस
जल जीवन मिशन में अनियमितताओं को लेकर विधानसभा में सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई। विपक्ष के हमले के जवाब में सरकार ने खुद को बचाव की मुद्रा में रखा लेकिन यह स्पष्ट कर दिया कि किसी भी गड़बड़ी पर सख्त कार्रवाई होगी।
आने वाले दिनों में गरमाएगा मुद्दा
विपक्ष ने जल जीवन मिशन को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। यह मामला सिर्फ विधानसभा तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि राज्य की सियासत में आने वाले दिनों में बड़ा मुद्दा बनने के आसार हैं।