सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के लिए नगरनार, खूंटपदर से लेकर जगदलपुर तक पदयात्रा करेगी कांग्रेस

०  नगरनार प्लांट का निजीकरण करने आए थे अमित शाह: मौर्य 
०  बस्तर के विकास से इनका लेनादेना नहीं: रेखचंद जैन 
जगदलपुर। आज यहां राजीव भवन में प्रेसवार्ता कर पूर्व विधायक रेखचंद जैन और बस्तर जिला कांग्रेस कमेटी शहर अध्यक्ष सुशील मौर्य केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह एवं राज्य की साय सरकार पर जमकर बरसे। शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष सुशील मौर्य ने कहा कि ओलंपिक 2024 के समापन समारोह में शामिल होना तो एक बहाना था, असल में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह विनिवेशीकरण के नाम पर नगरनार इस्पात के निजीकरण की राह आसान करने बस्तर आए थे। डबल इंजन की भाजपा सरकार की नीतियों और निर्णयों के चलते विकास कार्य पूर्ण रूप से बाधित है। यहां के स्थानीय युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है।

जगदलपुर से रायपुर विमान सेवा पुनःआरंभ करने को लेकर श्री मौर्य ने कहा छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर क्षेत्र का प्रमुख शहर जगदलपुर सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। फिलहाल यातायात की समस्याओं का सामना कर रहा है। जगदलपुर और रायपुर के बीच विमान सेवा बंद होने से न केवल स्थानीय जनता को कठिनाई हो रही है, बल्कि क्षेत्रीय आर्थिक गतिविधियां भी प्रभावित हो रही हैं।

जबकि छत्तीसगढ़ सरकार और केंद्र सरकार क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के सुधार की बात करती हैं। इस महत्वपूर्ण रूट पर विमान सेवा फिर से शुरू करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। हम सरकार से आग्रह करते हैं कि तत्काल इस विमान सेवा को पुनः प्रारंभ करने के लिए उचित कदम उठाए जाएं। श्री मौर्य ने कहा कि रावघाट रेल परियोजना से जगदलपुर तक रेल मार्ग लाने रावघाट रेल परियोजना छत्तीसगढ़ के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम था, लेकिन इसे जगदलपुर तक विस्तारित नहीं किया गया है। इससे बस्तर क्षेत्र का समग्र विकास प्रभावित हो रहा है। क्योंकि यह क्षेत्र व्यापारिक, सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से अन्य प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ नहीं है। हम सरकार से आग्रह करते हैं कि रावघाट रेल परियोजना को जल्द से जल्द जगदलपुर तक विस्तार दिया जाए। ताकि इस क्षेत्र को आवश्यक रेल कनेक्टिविटी प्राप्त हो और आर्थिक विकास को गति मिले। सुशील मौर्य ने कहा कि एनएमडीसी के नगरनार प्लांट का निजीकरण करने की योजना से न केवल सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की विश्वसनीयता पर सवाल उठेंगे, बल्कि लाखों श्रमिकों और उनके परिवारों के भविष्य पर भी गंभीर संकट उत्पन्न हो सकता है। नगरनार स्थित एनएमडीसी के इस्पात संयंत्र का निजीकरण राज्य और देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा नुकसान साबित हो सकता है। हम केंद्र सरकार से अपील करते हैं कि इस फैसले पर पुनर्विचार किया जाए और एनएमडीसी को निजीकरण से बचाया जाए, ताकि श्रमिकों और उनके परिवारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और सार्वजनिक क्षेत्र की मजबूती बनी रहे।

श्री मौर्य ने कहा कि बस्तर विकास प्राधिकरण की बैठक में 22 एकड़ जमीन खूंटपदर में जमीन आबंटित की गई थी जिस पर एनएमडीसी की साफ प्रतिक्रिया आई थी कि हम अस्पताल नहीं बनाएंगे। एनएमडीसी ने वादा किया था कि आसपास हम बनायेंगे किंतु भारतीय जनता पार्टी की सरकार उस प्रोजेक्ट पर पूर्णतः ग्रहण लगा चुकी है। कुल मिलाकर यह सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर गंभीर नहीं है। देश के प्रधानमंत्री मोदीजी जब 2015 में बस्तर दंतेवाड़ा आए थे तब उन्होंने कहा था रेल पटरी का कार्य 2020 तक पूरा हो जाएगा किंतु 2024 खत्म होने को है अभी तक रेल पटरी क्यों नहीं बिछी? जगदलपुर से रायपुर तक की विमान सेवा क्यों शुरू नहीं हो रही है? इस सरकार ने सिर्फ बस्तर के लोगों को छलने का ही कार्य किया है। इन सभी मुद्दों को लेकर हमारी कांग्रेस की टीम द्वारा बस्तर कलेक्टर बस्तर एसपी व जगदलपुर एसडीएम को ज्ञापन से अवगत कराया गया था कि इन सभी मुद्दों के निराकरण को लेकर हम अमित शाह से मिलकर उन्हें ज्ञापन देना चाहते हैं, परंतु विडंबना है कि जिला प्रशासन और भाजपा के नेता मंत्री नहीं चाहते कि बस्तर के विकास को लेकर विपक्षी दल अपनी राय रख सकें। अमित शाह सिर्फ राजनीतिक एजेंडे पर ही कार्य करने बस्तर आए थे।आगामी दिनों में कांग्रेस पार्टी खूंटपदर में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की मांग व बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर नगरनार से खूंटपदर व खूंटपदर से लेकर जगदलपुर तक की विशाल पदयात्रा करेगी।

झूठ परोसना फितरत: जैन

पूर्व विधायक रेखचंद जैन ने कहा,भारतीय जनता पार्टी की साय सरकार व केंद्र की मोदी सरकार को बस्तर के विकास को लेकर सिर्फ बयानबाजी, कागजी लीपापोती करना जानती हैं।बस्तर के लोगों को गुमराह करना इनका का काम रह गया है। बस्तर की जो खनिज संपदा है, जिसके खनन का सही तरीके से उपयोग हो तो रोजगार के प्रयाप्त अवसर हमारे युवाओं को मिल सकते हैं, मगर प्रदेश कि साय सरकार व केंद्र की मोदी सरकार की नीति सिर्फ अपने उद्योगपति मित्रों को ही उपकृत करने की है। बस्तर की खनिज संपदा के निजीकरण करने का कार्य कर रही है। आज नगरनार की बात हो तो बड़ी बड़ी बातें इनके नेता मंत्री करते हैं कि रोजगार सृजन होंगे स्थानीय लोगों को रोजगार दिया जाएगा, मगर आज नगरनार स्टील प्लांट शुरू हो गया है कितने स्थानीय लोगों को रोजगार मिल गया? भूमि प्रभावित लोगों को नौकरी देना छोड़ उन्हें निकाला जा रहा है। बाहरी लोगों को पूरी प्राथमिकता से नौकरी दी जा रही है। बस्तरवासियों और बस्तर के युवाओं का सपना था कि प्लांट बनेगा तो रोजगार मिलेगा किन्तु आज तक किसी को रोजगार नहीं मिला है। इनके नेता व प्रधानमंत्री खुद कह गए थे कि रेल लाइन जल्द से जल्द बनेगी, मगर अब तक क्यों नहीं बनी? कुल मिलाकर इनके लिए बस्तर सिर्फ दोहन के लिए बना है। कांग्रेस पार्टी लगातार जनहित के मुद्दों को लेकर लड़ाई लड़ रही है। देश के गृहमंत्री बस्तर आकर कहते हैं कि नक्सलवाद खत्म हो रहा है, तो फिर इतनी हत्याएं कैसे हो रही हैं?ये सिर्फ झूठ परोस रहे हैं। कुल मिलाकर बाते बनाना और नक्सलवाद को आड़ बनाकर पूंजीपतीयो को लाभ पहुंचाना भाजपा सरकार का मुख्य एजेंडा है जिसका कांग्रेस पार्टी पुरजोर विरोध करती है। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष उदयनाथ जेम्स, वीरेंद्र साहनी, सहदेव नाग, जाहिद हुसैन, महेश द्विवेदी, निकेत झा, संतोष सेठिया, खिरमनी, संजय मसीह, रोहित पाणिग्रही, शादाब अहमद, खीरेंद्र यादव आदि मौजूद रहे।

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