रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने भाजपा सरकार द्वारा उच्च शिक्षा विभाग में रिक्त पदों को आउटसोर्सिंग के माध्यम से भरने के निर्णय पर कड़ा विरोध जताया है। वर्मा ने कहा कि यह कदम छत्तीसगढ़ के योग्य युवाओं के साथ सीधा अन्याय है और भाजपा ने अपने चुनावी वादों से मुंह मोड़ लिया है।
वर्मा ने कहा, “भाजपा ने चुनावों में यह वादा किया था कि राज्य में एक लाख सरकारी पदों पर स्थानीय युवाओं को नौकरी दी जाएगी। लेकिन अब भाजपा सरकार ने उच्च शिक्षा विभाग के 1209 पदों को आउटसोर्सिंग के जरिए भरने का निर्णय लिया है, जो छत्तीसगढ़ के युवाओं के लिए धोखा है।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पूर्व भाजपा सरकार के कुशासन की तरह अब भी भाजपा सरकार अपने स्वार्थ के लिए स्थानीय युवाओं के रोजगार के अवसरों को बेच रही है।
सुरेंद्र वर्मा ने यह भी कहा, “छत्तीसगढ़ के युवाओं से भाजपा सरकार को इतनी नफरत क्यों है? एक साल से अधिक समय से युवा सरकारी नौकरियों के लिए इंतजार कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने उन्हें सिर्फ धोखा दिया है।” कांग्रेस प्रवक्ता ने यह सवाल उठाया कि भाजपा सरकार द्वारा किए गए वादों का क्या हुआ, विशेषकर जब उसने अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया था?
वर्मा ने भाजपा सरकार की नीतियों को ‘युवाओं के खिलाफ आर्थिक और सामाजिक साजिश’ करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि आउटसोर्सिंग के जरिए सरकारी पदों पर भर्ती, विशेषकर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्ग के युवाओं के लिए आरक्षण का संवैधानिक अधिकार खत्म कर दिया जाएगा। “यह तुगलकी फरमान तुरंत वापस होना चाहिए और राज्य के युवाओं के लिए नियमित पदों पर सीधी भर्ती प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए,” वर्मा ने कहा।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने भाजपा सरकार से मांग की है कि वह अपने फैसले को वापस ले और छत्तीसगढ़ के युवाओं के लिए स्थिर और सम्मानजनक रोजगार अवसर सुनिश्चित करे।