रायपुर। छत्तीसगढ़ में ओबीसी को 50% आरक्षण देने के दावे पर कांग्रेस ने भाजपा सरकार को आड़े हाथों लिया है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने भाजपा पर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समेत सभी आरक्षित वर्गों के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा द्वारा आरक्षण को लेकर किए जा रहे दावे झूठे हैं और यह प्रदेश की बहुसंख्यक ओबीसी आबादी को गुमराह करने का प्रयास है।
कांग्रेस का भाजपा पर आरोप
सुरेंद्र वर्मा ने कहा कि भाजपा विज्ञापनों के माध्यम से यह दावा कर रही है कि ओबीसी को 50% आरक्षण दिया जाएगा, लेकिन हकीकत में यह आरक्षण सीमा सभी वर्गों (एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों) के लिए कुल 50% तक सीमित है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने ऐसी व्यवस्था बनाई है जिसमें एससी-एसटी की अधिक आबादी वाले क्षेत्रों में ओबीसी को आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा।
राजभवन में लंबित आरक्षण विधेयक
कांग्रेस प्रवक्ता श्री वर्मा ने भाजपा को आरक्षण विरोधी पार्टी बताते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार द्वारा 2 दिसंबर 2022 को सर्वसम्मति से पारित “छत्तीसगढ़ नवीन आरक्षण विधेयक” को राजभवन में पिछले दो वर्षों से रोका गया है। इस विधेयक में ओबीसी का आरक्षण 14% से बढ़ाकर 27%, अनुसूचित जाति का 13%, और अनुसूचित जनजाति का 32% करने का प्रावधान था। उन्होंने सवाल किया कि भाजपा बताए कि इस विधेयक को कब तक लंबित रखा जाएगा।
पिछड़े वर्गों के साथ षड्यंत्र
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा सरकार ने ओबीसी के अधिकारों को सीमित कर दिया है। नए प्रावधानों के तहत पिछड़े वर्गों के लोग महापौर और जिला पंचायत अध्यक्ष जैसे पदों तक नहीं पहुंच पाएंगे। वर्मा ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार का यह कदम पिछड़े वर्गों के खिलाफ एक साजिश है।
भाजपा के दावों पर सवाल
श्री वर्मा ने कहा कि भाजपा सरकार बार-बार आरक्षण सीमा को 50% तक सीमित करने की बात कर रही है। यदि ओबीसी को 50% आरक्षण दिया जाए तो कुल आरक्षण 96% हो जाएगा, जो संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ओबीसी के साथ धोखा कर रही है और उनके अधिकारों पर डकैती डाल रही है।