कोंडागांव। छत्तीसगढ़ युवा मंच (छ.यु.मंच) ने मसीही समुदाय के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा और ग्रामीण इलाकों में कब्रिस्तान की मांग को लेकर सोमवार को डी.एन.के. मैदान में गांधीवादी तरीके से धरना प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। कार्यक्रम का नेतृत्व छत्तीसगढ़ युवा मंच के संस्थापक और कांग्रेस नेता नरेंद्र भवानी ने किया।
धरना प्रदर्शन के बाद मंच ने राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें कब्रिस्तान के लिए भूमि आवंटन की मांग की गई। मंच ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही इस मांग पर कार्रवाई नहीं होती है तो आंदोलन और उग्र होगा। भवानी ने कहा, “मसीही समुदाय के लोगों को उनकी अंतिम क्रिया के लिए भूमि न मिलना उनके मौलिक अधिकारों का हनन है। संविधान के तहत यह अस्वीकार्य है और इसके खिलाफ हमारा आंदोलन जारी रहेगा।”
मसीही समुदाय की मुश्किलें
धरने के दौरान उपस्थित मसीही समाज के लोगों ने अपनी आपबीती साझा की। कोंडागांव जिले के विभिन्न ग्रामीण इलाकों से आए लोगों ने बताया कि मृत्यु के बाद कफन-दफन के लिए भूमि न मिलने के कारण उन्हें गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
छत्तीसगढ़ युवा मंच के जिलाध्यक्ष ज्ञान प्रकाश कोर्राम ने कहा, “कई गांवों से आए लोगों ने अत्याचार और धार्मिक भेदभाव की घटनाओं का जिक्र किया। यह आंदोलन मसीही समाज के न्याय और अधिकारों की लड़ाई है।”
धार्मिक भेदभाव के आरोप
मसीही समाज के अध्यक्ष पास्टर सोना जी और उपाध्यक्ष ए. नेताम ने भीड़ को संबोधित करते हुए कहा, “कुछ संगठनों द्वारा जबरन धर्मांतरण का आरोप लगाया जा रहा है। अगर ऐसे आरोप लगाए जा रहे हैं, तो सरकार को चर्चों की जांच करनी चाहिए। जांच के बिना इस तरह के आरोप बंद किए जाने चाहिए।”
आंदोलन की आगे की रणनीति
नरेंद्र भवानी ने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने जल्द ही इस मुद्दे का समाधान नहीं किया तो अगला चरण और बड़ा आंदोलन होगा। उन्होंने कहा, “यदि मसीही समुदाय के किसी सदस्य की मृत्यु होती है और कब्रिस्तान का विरोध होता है तो शव को विरोध करने वालों को सौंप दिया जाएगा। प्रशासन को इस गंभीर मुद्दे पर शीघ्र कार्रवाई करनी चाहिए।”