० मंत्री कश्यप ने ग्राम बेनूर को दी साढ़े आठ करोड़ के निर्माण कार्यों की सौगात
० खोलेंगे 50 सीटर गर्ल्स हॉस्टल, सहकारी बैंक, बनाएंगे सामाजिक भवन
(अर्जुन झा) जगदलपुर। नक्सलियों ने विकास की राह में रोड़े अटका कर बस्तर संभाग के अंदरूनी गांवों को बेनूर यानि बदशक्ल या कहें आभा विहीन बना रखा है। अधिकांश अंदरूनी गांव विकास, आधुनिक सुविधाओं और संसाधनों से वंचित हैं। इन्ही में से एक गांव है बेनूर। गांव का नाम ही बेनूर है, तो आप समझ सकते हैं कि इस गांव की हालत क्या होगी? मगर अब बेनूर गांव बे- नूर नहीं रहेगा। यह गांव सर्वाधिक नक्सल प्रभावित रहा है। मगर अब विकास की आभा से यह गांव भी दमक उठेगा। गांव में विकास की नूर आएगी। यह संभव हो पाया है क्षेत्र के विधायक एवं छत्तीसगढ़ सरकार में वन मंत्री केदार कश्यप के प्रयासों से।
बस्तर संभाग के गांवों के विकास में नक्सली सबसे बड़े बाधक रहे हैं। नक्सली समस्या के खात्मे के साथ ही नक्सल प्रभावित गांवों के विकास के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रभावी कदम उठाए हैं। इसी के तहत वन मंत्री केदार कश्यप ने नारायणपुर जिले के ग्राम बेनूर में लगभग 8 करोड़ 42 लाख रुपए की लागत से निर्मित विभिन्न विकास कार्यों की सौगात दी। कार्यक्रम में राजस्व मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री टंकराम वर्मा भी शामिल हुए। वन मंत्री कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के सुशासन में किसानों से 3100 रूपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी, तेंदूपत्ता 5500 रूपये मे, प्रधानमंत्री आवास योजना, जल जीवन मिशन, नलजल योजना, महतारी वंदन योजना आदि से गांवों और ग्रामीणों को लाभांवित किया जा रहा है। उन्होंने कार्यक्रम में क्षेत्र की जनता की मांग पर नयानार में नाली निर्माण, बेनूर में कलार समाज के लिए 15 लाख रूपए की लागत से भवन निर्माण, बेनूर में जिला सहकारी बैंक खोलने, सरकारी कर्मचारियों के लिए आवास, बाजार स्थल पर धान खरीदी चबूतरा निर्माण कराने, बेनूर में 50 सीटर कन्या छात्रावास खोलने, मावली माता मंदिर में अहाता निर्माण, तुरठा के आश्रित गांव में सड़क निर्माण, यादव और मुरिया समाज भवन बनाने की घोषणा की।
राजस्व मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि प्रदेश के 18 लाख हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास दिए जा रहे हैं, महतारी वंदन, नल जल योजना जैसे विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही हैं। बस्तर संभाग के युवाओं को सकारात्मक गतिविधियों से जोड़ने के लिए बस्तर ओलंपिक का आयोजन किया गया है।कार्यक्रम में सर्व आदिवासी समाज के संरक्षक रूपसाय सलाम, पूर्व सरपंच बेनूर नारायण मरकाम सहित अनेक पंचायत प्रतिनिधि उपस्थित थे।