दुष्कर्म पीड़िता के पति से चौकी प्रभारी ने मांगी रिश्वत, बंधक जमीन छुड़ाने की गुहार

जशपुर। जिले में पुलिस पर भ्रष्टाचार और मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। दुष्कर्म पीड़िता की रिपोर्ट दर्ज कराने के नाम पर चौकी प्रभारी ने पीड़िता के पति से नगदी, मुर्गा, और अन्य खर्चों के लिए धन ऐंठा। अब पीड़िता का परिवार प्रशासन से न्याय और बंधक रखी जमीन छुड़ाने की गुहार लगा रहा है।

घटना का विवरण

जशपुर के पंडरापाठ चौकी क्षेत्र में 2 दिसंबर को एक महिला के साथ दुष्कर्म हुआ। पीड़िता के पति ने शिकायत दर्ज कराने के लिए चौकी प्रभारी मानेश्वर राम साहनी से संपर्क किया। पीड़िता के पति का आरोप है कि चौकी प्रभारी ने रिपोर्ट लिखने के बदले 5,000 रुपये नगद और एक मुर्गे की मांग की।

परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण पति ने तत्काल केवल 500 रुपये दिए। इसके बाद मेडिकल जांच और बयान के नाम पर बार-बार पैसे और अन्य सुविधाओं की मांग की गई।

बंधक जमीन बेचने पर मजबूर

चौकी प्रभारी की मांग पूरी करने के लिए पीड़िता के पति को अपनी जमीन बंधक रखकर 10,000 रुपये का कर्ज लेना पड़ा। इन पैसों का अधिकांश हिस्सा चौकी प्रभारी की मांगें पूरी करने में खर्च हो गया। शिकायतकर्ता ने अब पुलिस अधीक्षक से चौकी प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई करने और जमीन छुड़ाने की मदद की अपील की है।

 

भूपेश बघेल का सरकार पर हमला

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा:
“देखिए आदिवासी मुख्यमंत्री के राज में आदिवासियों के साथ क्या हो रहा है। एक कोरवा आदिवासी की पत्नी के साथ हुए दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस मुर्गा और पांच हजार रुपये मांग रही है।”

बघेल ने शिकायत की कॉपी और पीड़िता के पति का बयान भी साझा किया, जिससे यह मामला और अधिक तूल पकड़ रहा है।

प्रशासन और समाज पर सवाल

  • क्या दुष्कर्म जैसे गंभीर मामलों में भी पुलिस को भ्रष्टाचार से बाज नहीं आना चाहिए?
  • कमजोर आर्थिक स्थिति वाले आदिवासी परिवारों के साथ इस तरह का अमानवीय व्यवहार किस हद तक स्वीकार्य है?
  • क्या राज्य सरकार ऐसे मामलों पर त्वरित और सख्त कार्रवाई करेगी?

प्रशासन का कदम

मामले की शिकायत मिलने के बाद, पुलिस अधीक्षक ने जांच के आदेश दे दिए हैं। चौकी प्रभारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की संभावना है। इस घटना ने आदिवासी समुदाय और पूरे समाज में गुस्से की लहर पैदा कर दी है। लोग इस अमानवीय कृत्य की निंदा कर रहे हैं और न्याय की मांग कर रहे हैं।

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