भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज संविधान शिल्पी और भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा साहेब लोकतंत्र की एक जीवंत पाठशाला थे, जिन्होंने आधुनिक भारत के निर्माण में अपना अमूल्य और अविस्मरणीय योगदान दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा, “बाबा साहेब का जीवन समतामूलक समाज की स्थापना और लोक-कल्याण के प्रति समर्पित था। उन्होंने देश को ऐसा संविधान दिया, जिसने हर वर्ग को समान अधिकार और स्वतंत्रता का संरक्षण प्रदान किया। उनका संघर्ष हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है, जो समानता, स्वतंत्रता और न्याय की स्थापना के लिए प्रयासरत है।”
समाज सुधारक और राष्ट्र निर्माता
डॉ. मोहन यादव ने बाबा साहेब को याद करते हुए कहा कि उन्होंने केवल संविधान निर्माण तक ही अपने योगदान को सीमित नहीं रखा, बल्कि देश के शोषित, वंचित और कमजोर वर्गों के अधिकारों की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित किया। उन्होंने शिक्षा, आर्थिक सशक्तिकरण और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में ऐसे कार्य किए, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए आदर्श बने।
बाबा साहेब की विरासत को संजोने का आह्वान
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से बाबा साहेब के आदर्शों पर चलने और उनकी विचारधारा को आत्मसात करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “हम सबका दायित्व है कि हम डॉ. अंबेडकर के दिखाए मार्ग पर चलकर समता और बंधुत्व पर आधारित समाज की स्थापना करें। यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।”