मुंगेली। जिले के ग्राम भठलीकला में एक नवजात बच्चे के इलाज में लापरवाही के आरोप में माता-पिता ने जिला प्रशासन और प्रभारी मंत्री लखनलाल देवांगन से मदद की अपील की है। माता-पिता का आरोप है कि स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में नर्स ने फोन पर बात करते हुए लापरवाही से टीका लगाया, जिसके कारण बच्चे के पैर में इन्फेक्शन हो गया। डॉक्टर अब पैर काटने की बात कह रहे हैं।
घटना के मुताबिक, निमेष साहू और उसकी पत्नी पंच कुमारी ने अपने नवजात बच्चे को टीका लगवाने के लिए स्वास्थ्य केंद्र का रुख किया। यहां नर्स रीना ग्वाल ने फोन पर बात करते हुए बच्चे को टीका लगाया। इसके बाद कुछ ही समय में बच्चे के पैर में सूजन आ गई। अगले दिन जब सूजन और दर्द बढ़ा, तो बच्चे को फिर से अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे वापस भेज दिया। दो दिन बाद, जब बच्चे की हालत बिगड़ी, तो उसे मुंगेली के एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया। वहां डॉक्टर ने बच्चे के पैर में चीरा लगाकर मवाद निकाला और दो दिन तक इलाज किया।
इसके बाद, निमेष साहू ने अपने बच्चे को बिलासपुर के एक बड़े निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि टीकाकरण के दौरान इंजेक्शन लगाने में लापरवाही के कारण बच्चे की पैर की हड्डी गलने लगी है। माता-पिता ने बताया कि इलाज में करीब 3 लाख रुपए खर्च हो चुके हैं, लेकिन बच्चे की हालत में कोई खास सुधार नहीं हुआ है।
इस मामले को लेकर माता-पिता ने कलेक्टर जनदर्शन में शिकायत की और प्रभारी मंत्री लखनलाल देवांगन से भी दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण हुए कर्ज के लिए क्षतिपूर्ति की भी मांग की है। कलेक्टर राहुल देव ने मामले को गंभीरता से लेते हुए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से जांच करने के निर्देश दिए हैं और माता-पिता को इलाज के लिए हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। वहीं, प्रभारी मंत्री लखनलाल देवांगन ने इस मामले को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ कार्रवाई करने का आश्वासन दिया और बच्चे का मुफ्त इलाज और शासन स्तर पर अधिक सहायता दिलाने का भरोसा दिलाया।