0 मुख्यमंत्री से शिकायत करेगा पत्रकार संगठन
जगदलपुर। बीजापुर वन मंडल की नाकामी सामने लाने वाला चौथा स्तंभ अब अधिकारियों को चुभने लगा है। अपनी नाकामी को छुपाने की मंशा पर पानी फिरता देख अब अधिकारी बौखला गए हैं। बौखलाहट में कवरेज करने गए पत्रकार को अश्लील गालियां देने और उनके साथ अभद्र व्यवहार करने लगे हैं। ऐसा ही एक मामला तारलागुडा वनोपज जांच नाका से सामने आया है, जहां जप्त किए गए जेसीबी की रिकॉर्डिंग करने के दौरान अपने वनकर्मी से बातचीत में वन परिक्षेत्र अधिकारी भोपालपटनम विनोद तिवारी आग बबूला हो उठे। विनोद तिवारी ने पत्रकार को न केवल भद्दी गालियां दी, बल्कि उसे पत्रकार मानने से भी इंकार कर दिया और अपने कर्मचारी से उन्होंने कहा कि इसे यहां से तुरंत भगाओ।
मामला भारत नेट द्वारा भोपालपट्टनम तारलागुड़ा क्षेत्र में नेशनल हाईवे किनारे ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने के लिए जेसीबी की खुदाई में सैकड़ों पेड़ गिराने से जुड़ा है। नियमों को दरकिनार कर भारत नेट यहां जंगलों को नुकसान पहुंचा रहा है। आदेश में स्पष्ट निर्देश है कि वनों को नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा। मीडिया कर्मियों की शिकायत पर वनमंडाधिकारी बीजापुर रामकृष्ण रंगनाथन के निर्देश के बाद रेंजर विनोद तिवारी ने तीन जेसीबी वाहनों को जंगल में काम करने के दौरान जप्त कर तारलागुडा जांच नाके में रखवा दिया। रेंजर को ऑप्टिकल फाइबर केबल खोदाई काम कराए जाने संबंध में कोई आदेश डीएफओ बीजापुर द्वारा नहीं देने का मामला भी प्रकाश में आया। डीएफओ के ऐसे रवैये से रेंजर खासे नाराज दिख रहे थे। अब पत्रकार के खिलाफ वन विभाग के अधिकारी द्वारा ऐसे बर्ताव को लेकर पत्रकार संघ भारी आक्रोश में है। पत्रकार संघ इस मामले में बड़ी कार्रवाई की मांग प्रदेश के मुख्यमंत्री से करने का मन बना रहा है। सुकमा में बस्तर के वरिष्ठ पत्रकार साथी बप्पी राय और साथियों के ख़िलाफ कुछ दिए पहले हुए कार्रवाई का ग़ुस्सा अभी शांत भी नहीं हुआ है कि बीजापुर में वन विभाग के अधिकारी का लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ पर ऐसा प्रहार पत्रकारों में रोष का कारण है।
अभद्रता फितरत है इनकी
रेंजर तिवारी की अभद्रता का यह पहला मामला नहीं है गाली गलौच करने की उनकी फितरत है। अपने मातहत कर्मचारियों को भी वे गाली गलौच करते रहते हैं। धर्मारम परिक्षेत्र में देवगुड़ी बनाए बिना पूरा भुगतान करके राशि हड़पने के मामले में भी तिवारी के खिलाफ ग्रामीण शिकायत कर चुके हैं। जिसमें जांच अधिकारी एसडीओ मनोज बघेल को बनाया गया था लेकिन दो साल बाद भी जांच ठंडे बस्ते में है। एक यूट्यूब चैनल के लिए काम करने वाले पत्रकार सदानंदम बैरीजी ने बताया कि उन्होंने सैकड़ों पेड़ों को काटे जाने की खबर बनाई है। इसमें वन विभाग का पक्ष जानने के लिए रेंजर विनोद तिवारी से संपर्क किया गया, तो तिवारी उल्टे पत्रकार पर बिफर पड़े और भद्दी भद्दी गालियां देने लगे। पीड़ित पत्रकार थाने में रेंजर विनोद तिवारी के खिलाफ कार्रवाई करने आवेदन दिया जा रहा है।