टीवी, एसी, फ्रिज डीलर से रंगाई पोताई का काम करा लेते हैं बकावंड ब्लॉक के सरपंच सचिव!

0  सीसी सड़क निर्माण में भी करके दिखा दी डंडीमारी 
0 बकावंड ब्लॉक के लिए ही बनी है अंधेर नगरी, चौपट राजा वाली कहावत 
(अर्जुन झा) बकावंड। अब तक आप और हम सब्जियों, मांस मटन, मछली और अनाज की तौलाई में डंडीमारी की बात देखते सुनते आए हैं, मगर बस्तर जिले में तो सड़क में भी डंडीमारी कर दी जाती है। टीवी फ्रिज, वाशिंग मशीन बेचने वाले डीलर से कीपर सरकारी भवनों की रंगाई, पोताई, पुट्टी का काम करा लिया जाता है, बोर मशीन संचालक सड़कें भी बनवा ली जाती हैं। एक गोठान में एक ही समय दो अलग अलग फर्मों से बोर करा लिया जाता है। ये बकावंड विकासखंड है जनाब। यहां की ग्राम पंचायतों के सरपंच सचिव जो न करें कम है। वे तो चांद और मंगल ग्रह में भी बोर कराने के नाम पर सरकारी धन हजम करने की कूबत रखते हैं। मजे की बात तो यह है कि इन तथाकथित कार्यों के नाम पर वरिष्ठ अधिकारी राशि भुगतान की स्वीकृति भी आंख मूंदकर दे देते हैं। अंधेर नगरी, चौपट राजा वाली कहावत शायद बकावंड ब्लॉक के लिए ही बनी है। अधिकारियों की ऎसी कृपा के चलते सरकारी खजाने को जमकर चूना लगाते हुए सरपंच, सचिव और अधिकारी मालामाल हो रहे हैं।
बकावंड जनपद क्षेत्र की ग्राम पंचायतों के सरपंच -सचिवों के अजब गजब कारनामे लगातार सामने आ रहे हैं। मामला उजागर होने के बाद भी इन सरपंच सचिवों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। इससे लगता है कि दाल में कुछ काला नहीं, बल्कि यहां तो पूरी दाल ही काली है। मामला बकावंड जनपद की ग्राम पंचायत बदलावंड का है, जहां सरपंच सचिव ने न सिर्फ सड़क की डंडीमारी की है, बल्कि और भी कई ऎसी कारगुजारियां कर दिखाई हैं, जिनके बारे जानकर हर किसी के मुंह से अंधेर नगरी चौपट राजा वाली कहावत निकल पड़ती है। बकावंड ब्लॉक में अधिकारियों और सरपंच सचिवों सरकारी धन की लूट मचा रखी है। सरपंच सचिव काम रत्ती भर नहीं कराते और पूरी रकम डकार जाते हैं। जनपद पंचायत बकावंड के 15वें वित्त आयोग मद से ग्राम पंचायत बदलावंड सीसी सड़क निर्माण कार्य का राशि 3लाख रूपय 15 गोविंद के घर के पास से गोठान तक 300 मीटर लंबी सीसी रोड निर्माण के लिए इसी साल की शुरुआत में तीन लाख रुपए की स्वीकृति मिली थी। सड़क मात्र ढाई सौ मीटर लंबी बनाई गई। यानि 50 मीटर सड़क की डंडीमारी कर ली गई। यही नहीं सड़क निर्माण में गुणवत्ता का भी ध्यान नहीं रखा गया है। घटिया स्तर की सीमेंट, कांक्रिट और रेत का इस्तेमाल किए जाने की वजह से चार पांच माह में ही सड़क की धज्जियां उड़ गई हैं। इस पंचायत में सरपंच सचिव हर कार्य और सरकारी योजना की धज्जियां उड़ा रहे हैं। स्वच्छ भारत मिशन, गांव में नाली तालाब की साफ सफाई के नाम से राशि हासिल कर ली है, लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ काम नहीं हुआ है। नाली को आधा अधूरा बनाकर छोड़ दिया गया है।पंचायत भवन की मरम्मत के नाम पर राशि निकाल ली गई है, लेकिन मरम्मत अभी तक नहीं कराई गई है। पंचायत भवन की पुट्टी व पोताई करने के नाम से फर्म जयवीर इलेक्ट्रॉनिक्स को 44 हजार 100 रुपए का भुगतान करना दर्शाया गया है। बड़ झाड़ से खेत तक सीसी रोड निर्माण के नाम से 2 लाख 49 हजार 500 रुपए का भुगतान दिलेश ट्रेडर्स को करना बताया गया है। इसी फर्म को गोठान में बोर कराने की राशि 1 लाख 1 हजार 135 रुपए का भुगतान करना बताया गया है। वहीं गोठान में ही बोर के नाम पर दूसरे फर्म मां दंतेश्वरी बोरवेल को 52 हजार का भुगतान किया गया है। इन सभी तथाकथित कार्यों के भुगतान के वाउचर 30 सितंबर 2024 की तिथि में बने हैं। इन वाउचर को देखने से पता चल जाता है कि ग्राम पंचायत में सरकारी रकम को हड़पने के लिए कैसे कैसे हठकंडे अपनाए जा रहे हैं। बदलावंड के मुख्य मार्ग के पास विधायक निधि के तीन लाख की लागत से बनाया गया रंगमंच वह 3 साल में ही क्षतिग्रस्त हो गया है। उसकी छत ढहने की स्थिति में है। छत को ढहने से रोकने के लिए एक बल्ली का सहारा दिया गया है। इस मंच पर छोटे बच्चे खेलने जाते हैं। कभी भी अप्रिय घटना हो सकती है।

सभी करते हैं, तो हम क्यों न करें
इन तमाम गंभीर मामलों में ग्राम पंचायत के सचिव गोवर्धन सिंन्हा का बड़ा अजीबो गरीब बयान आया है। सचिव की बात में भ्रष्टाचार की स्वीकारोक्ति तो है ही, विकासखंड की हर ग्राम पंचायत में ऐसा खेल चलने की पुष्टि भी होती है। जब सचिव गोवर्धन सिन्हा से कार्य न होने पर भी भुगतान किए जाने के संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सभी पंचायतों में इसी तरह से काम किया जा रहा है। यह कोई नई बात नहीं है।

वर्सन
होगी कड़ी कार्रवाई
जनपद की सभी 93 पंचायतों में इसी तरह का काम हो रहा है। सचिव सरपंच को कई बार समझा चुका हूं। इस तरह की गड़बड़ी कर रहे हैं तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे और राशि की रिकवरी भी होगी।
-एसएस मंडावी,
सीईओ, जनपद पंचायत बकावंड

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *