0 बीजापुर जिले में रंग ला रही है पुलिस और सीआरपीएफ की पहल
जगदलपुर। छत्तीसगढ़ शासन की बेहतरीन पुनर्वास नीति, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय एवं गृहमंत्री विजय शर्मा की मानवीय संवेदना और पुलिस तथा सीआरपीएफ की जमीनी पहल के शानदार नतीजे लगातार सामने आ रहे हैं। इन सभी के समवेत प्रयासों के चलते नक्सली लगातार आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं। इसी क्रम में बीजापुर जिले में फिर पांच नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है।
बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज, उप पुलिस महानिरीक्षक दंतेवाड़ा रेंज एवं उप पुलिस महानिरीक्षक सीआरपीएफ ऑपरेशंस बीजापुर सेक्टर के मार्ग दर्शन में बीजापुर जिले में चलाए जा रहे नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत डीआरजी, बस्तर फाईटर व सीआरपीएफ द्वारा किए जा रहे संयुक्त प्रयासों से तथा छग शासन की पुनर्वास एवं आत्मसर्पण नीति साथ ही छग शासन की नियद नेल्ला नार योजना से प्रभावित होकर गढ़चिरौली डिवीजन अन्तर्गत अहेरी एरिया कमेटी सदस्या पश्चिम बस्तर डिवीजन पार्टी सदस्य, बंदेपारा आरपीसी मिलिशिया प्लाटून ए सेक्शन कमांडर एवं बोड़ला पुसनार जीआरडी कमांडर सहित 5 नक्सलियों ने 29 अक्टूबर को उप पुलिस महानिरीक्षक सीआरपीएफ ऑपरेशंस बीजापुर देवेंद्र सिंह नेगी, पुलिस अधीक्षक बीजापुर डॉ जितेंद्र कुमार यादव, डिप्टी कमांडेंट 222वीं वाहिनी सीआरपीएफ सुबोध कुमार, कमांडेंट 202 कोबरा अमित कुमार, कमांडेंट 241वी वाहिनी सीआरपीएफ हरविंदर सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ऑप्स दिनेश सिन्हा, उप पुलिस अधीक्षक नक्सल ऑप्स बीजापुर सुदीप सरकार के समक्ष नक्सलियों की खोखली विचारधारा,भेदभाव पूर्ण व्यवहार, उपेक्षा व प्रताड़ना से तंग आकर एवं छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास एवं आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण किया। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में सुशीला उर्फ बुज्जी उर्फ विमला हेमला, सुखराम मोड़ियाम, सुद्दू कोरसा, लक्कू फरसा, सन्नू माड़वी शामिल हैं। ये नक्सली हत्या, मुठभेड़, जवानों पर फायरिंग, स्पाइक होल्स लगाने सड़क खोदने व आईईडी लगाने जैसी विभिन्न घटनाओं में शामिल रहे हैं।
संगठन में कार्यो की उपेक्षा करने, भेदभाव पूर्ण व्यवहार एवं नक्सलियों द्वारा आदिवासियों पर किए जा रहे अत्याचार से त्रस्त होकर एवं छग शासन की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीतियों से प्रभावित होकर भारत के संविधान पर विश्वास रखते हुए उक्त नक्सलियों द्वारा पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया। आत्मसमर्पण करने वाले प्रत्येक नक्सली को उत्साहवर्धन हेतु शासन की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत 25 हजार रूपए की नगद प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई।