ईसाई धर्मसभा के लिए दी गई अनुमति और कार्यक्रम रद्द करने की मांग

 

0  मुख्य वक्ता दिनाकरण पर कई गंभीर आरोप, एसपी व कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

जगदलपुर। नगर के धरमपुरा ग्राउंड में 8 से 10 नवम्बर तक जीसस काल्स ग्लोबल मिनिस्ट्री ईसाई मिशनरी के कार्यक्रम को रद्द करने की मांग को लेकर एसपी व कलेक्टर को विश्व हिंदू परिषद व सर्व आदिवासी समाज द्वारा ज्ञापन सौंपा गया है। ज्ञापन में कार्यक्रम प्रचारक पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
विश्व हिंदू परिषद -बजरंग दल तथा सर्व आदिवासी समाज द्वारा सौंपें गए ज्ञापन में प्रचारक पॉल दिनाकरन के साथ उसकी संस्थान चेन्नई स्थित जीसस कॉल्स ग्लोबल मिनिस्ट्री ईसाई मिशनरी पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इस संस्था के बाहरी संस्था होने की बात कही है। विहिप व आदिवासी समाज ने कहा है कि ईसाई मिशनरी की धर्मसभा के लिए एसडीएम जगदलपुर के कार्यालय से अनुमति मांगी गई थी जिसे जिला प्रशासन द्वारा स्वीकार करते हुए अनुमति प्रदान कर दी गई है। इस कार्यक्रम में पॉल दिनाकरन मुख्य अतिथि एवं प्रवचनकर्ता हैं। इस कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति देने के पूर्व जिला प्रशासन द्वारा तथ्यों पर ध्यान दिए बिना कार्यक्रम के आयोजन हेतु अनुमति देने का अविवेकपूर्ण निर्णय लिया गया जिससे बस्तरवासी तथा हिन्दू समाज आक्रोशित है। संगठनों ने पॉल दिनाकरन जैसे विवादित व्यक्ति और उसकी बाहरी संस्था जीसस कॉल्स ग्लोबल मिनिस्ट्री ईसाई मिशनरी द्वारा आयोजित कार्यक्रम हेतु प्रदत्त अनुमति को तत्काल रद्द करते हुए कार्यक्रम को रोकने की बात कही गई है और आक्रोश व्यक्त किया गया है। कहा गया है कि हिन्दू समाज षड्यंत्रकारी कुकृत्य के खिलाफ आंदोलन हेतु बाध्य होगा एवं कार्यक्रम को कदापि नहीं होने देगा। ऐसी स्थिति में कानून व्यवस्था में होने वाले संभावित व्यावधान कि सम्पूर्ण जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। कलेक्टर व एसपी को सौंपे गए ज्ञापन में मुख्य प्रचारक पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं तथा छः बिंदुओं पर जानकारी दी गई है। ज्ञापन की पहली कंडिका में उल्लेखित है कि दिसंबर 1996 में पॉल दिनाकरन और उनके पिता को उनके परिवार के स्वामित्व वाले चेन्नई स्थित करुण्य इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी सह साइंसेज के छात्रों को प्रार्थना सभा में भाग लेने के लिए मजबूर करने का आरोप था जो भारतीय संविधान के अनुसार मूल अधिकार का उल्लंघन है। इसके विरोध में छात्र हड़ताल पर चले गए। जिससे कॉलेज अस्थायी रूप से बंद हो गया। दूसरी कंडिका के अनुसार जनवरी 2021 में आयकर विभाग ने पॉल दिनाकरन के घर और कार्यालयों पर छापेमारी के दौरान 4.5 किलोग्राम सोना जप्त कियाऔर 9160 करोड की अघोषित आय का खुलासा किया था। तीसरी कंडिका के अनुसार मार्च 2023 में पॉल दिनाकरन को श्रीलंका सीमा शुल्क ने हिरासत में लिया था। अवैध रूप से अन्धविश्वास फैलाने, अनधिकृत रूप से धार्मिक मंडली आयोजित करने के लिए तथा व्यापार वीजा के उल्लंघन के आधार पर श्रीलंका में रहने के कारण उसे वापस भारत भेज दिया गया था। चौथी कंडिका में कहा गया है कि नवंबर 2023 में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने पॉल दिनाकरन के खिलाफ अरुणाचल प्रदेश में बच्चों के ईलाज करने के लिए जादू टोना तथा अंधविश्वास का उपयोग करने के लिए अरुणाचल प्रदेश पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।
पांचवी कंडिका में उल्लेखित किया गया है कि बस्तर एक आदिवासी बहुल संवेदनशील क्षेत्र है, जहां विगत वर्षों में अवैध धर्मांतरण एक महत्वपूर्ण मुद्दा बना हुआ है,। इससे यहां तीव्र जननांकीय बदलाव हो रहा है।
जो इस क्षेत्र एवं देश के लिए घातक सिद्ध हो रहा है। इस क्षेत्र की एवं यहाँ के निवासियों की परंपरा, संस्कृति तथा रीति रिवाज पर ईसाई पादरियों द्वारा छल बल का प्रयोग करके लगातार प्रहार किया जा रहा है। छठवें तथ्य में बस्तर जैसे आदिवासी बहुल तथा दूरस्थ क्षेत्र में लगातार राष्ट्रीय स्तर का ईसाई धर्म का कार्यक्रम आयोजित करना जहां जनगणना के आंकड़ों के अनुसार मात्र 1.98 प्रतिशत ईसाई जनसंख्या है, एक गंभीर षड्यंत्र प्रतीत होता है। ऐसा ही ईसाई धर्म का राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम एवेंजलिकल फाउंडेशन ऑफ़ इंडिया द्वारा संगम भवन मेटगुड़ा जगदलपुर में अगस्त 2024 में आयोजित किया गया था। कलेक्टर और एसपी को ज्ञापन सौंपने वालों में विहिप के विभाग मंत्री रवि ब्रम्हचारी, पूर्व जिला मंत्री प्रकाश गोस्वामी, पवन नराजपूत, अनिल अग्रवाल, योगेंद्र कौशिक, नवीन देवांगन, शंकरलाल गुप्ता, विष्णु ठाकुर, मुन्ना डोरी, सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष दशरथ कश्यप, कौशल नागवंशी, भवानी सिंह चौहान, सुरेंद्र तिवारी, अर्जुन सिंह परिहार, विवेक शुक्ला व अन्य उपस्थित थे।

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