चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी ने अध्यक्ष व्यापारी कल्याण बोर्ड सुनील सिंघी से मुलाकात कर जीएसटी सरलीकरण, शिक्षा हेतु सुझाव के संबंध में ज्ञापन सौंपा.

रायपुर।  छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, महामंत्री अजय भसीन, कोषाध्यक्ष उत्तमचंद गोलछा, कार्यकारी अध्यक्ष राजेंद्र जग्गी, विक्रम सिंहदेव,राम मंधान, मनमोहन अग्रवाल ने बताया कि चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी ने अपने दिल्ली प्रवास के अवसर पर सुनील सिंघी , अध्यक्ष व्यापारी कल्याण बोर्ड, भारत सरकार, नई दिल्ली से मुलाकात की एवं जीएसटी सरलीकरण, एमएसएमई उद्योग, वित्तीय सेवाओं एवं व्यवसाय से सम्बंधित व्यावहारिक ज्ञान/शिक्षा हेतु सुझाव के संबंध में ज्ञापन सौंपा।

चेंबर प्रदेश अध्यक्ष श्री पारवानी ने सुनील सिंघी को पत्र के माध्यम से बताया कि व्यापारियों में जीएसटी को लेकर आ रही कानूनी और तकनीकी परेशानियों के सम्बंध में तथा जीएसटी के सरलीकरण एवं युक्तियुक्त करने तथा एमएसएमई उद्योगों के सुद्रिदिकरण, वित्तीय सेवाओं, लेखाकर्म के छात्रों को व्यवसाय से सम्बंधित व्यावहारिक ज्ञान/ शिक्षा हेतु व्यापारियों द्वारा दिये गये सुझावों को प्रमुख रूप से चेंबर ने सूचीबद्ध किया।
प्रमुख सुझाव निम्नानुसार हैः-

जीएसटी से सम्बंधित सुझावः-

ऽ यदि क्रेता द्वारा क्रय सम्बन्धी सभी दस्तावेज एवं भुगतान सम्बन्धी समस्त प्रमाण दिए जाए तो विभाग द्वारा विक्रेता पर ही कार्यवाही की जानी चाहिए।
ऽ त्डब् संबधित प्रावधान.
ऽ इनपुट टैक्स क्रेडिट जीएसटीआर 2बी के आधार मान्य होने सम्बन्धी प्रावधान को वापस लिए जाएं.
ऽ नियम 86 बी के प्रावधानों को निरस्त किये जाएं।
ऽ पूर्व माह का जीएसटीआर -3बी न जमा होने पर जीएसटीआर -1 जमा करने पर प्रतिबन्ध हटाया जाना चाहिए।
ऽ नियम 21 जीएसटी पंजीकरण का निलंबनध्निरस्तीकरण.
ऽ ई-इनवॉइसिंग के 1 अगस्त 2023 से रु.5 करोड़ तक के टर्नओवर वाले व्यापारियों पर लागू किए गए प्रावधान वापस लिए जाने चाहिए.
ऽ ई-इनवॉइसिंग की स्थिति में खरीददार को इनपुट अनिवार्य रूप से मिलना चाहिए.
ऽ ई-वे बिल की वैधता अवधि में 50 प्रतिशत की कटौती.
ऽ माल के परिवहन एवं ई-वे बिल संबंधित समस्याएं.
ऽ छुटे हुए इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने एवं वार्षिक विवरण पत्र में संशोधन किए जाने हेतु अवसर प्रदान करने बाबत.

ऽ जीएसटी वार्षिक विवरण के संबंध में सुझाव.
ऽ ब्याज, पेनाल्टी एवं विलंब शुल्क से छुट प्रदान करने हेतु .
ऽ जीएसटी का रजिस्ट्रेशन सरेंडर करने बाबत.
ऽ रिटर्न सम्बंधित अन्य समस्याएं.
ऽ जीएसटी के प्रावधानों में सुधार हेतु अन्य सुझाव.
ऽ व्यवसाय को राहत देने एवं इज आफ डुईंग हेतु सुझाव.
ऽ जीएसटी की दर में कमी करने हेतु सुझाव.
ऽ एक व्यवसाय एक कर.
ऽ प्ळैज् आउटपुट के भुगतान के लिये ब्ळैज् या ैळैज् इनपुट का उपयोग करने के लिये समान विकल्प दिया जाना चाहिए.
ऽ आंशिक रूप सेध्बिना नकद भुगतान के फॉर्म जीएसटीआर 3बी जमा करने का विकल्प दिया जाना चाहिए.
ऽ पंजीयन से संबंधित समस्याएं.

एमएसएमई उद्योगों से सम्बंधित सुझावः-
ऽ आयकर अधिनियम में धारा 43बी(एच) के कार्यान्वयन के कारण एसएमई इकाइयों के समक्ष
आने वाली व्यावहारिक कठिनाइयों को कम किया जाना चाहिये
ऽ ट्रेडर्स को एमएसएमई में शामिल किया जाना चाहिये

वित्तीय सेवाओं से सम्बंधित सुझावः-
ऽ मुद्रा लोन की सीमा को 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख के लिए नोटिफिकेशन जारी किया जाये
ऽ पीनल चार्जेस को समाप्त करने हेतु
ऽ क्रेडिट कार्ड एवं डेबिट कार्ड से ट्रांजेक्शन करने पर लगने वाले स्वैपिंग चार्जेस को पूरी
तरह माफ किया जाना चाहिए

व्यवसाय से सम्बंधित व्यावहारिक ज्ञान/शिक्षा देने के सम्बन्ध में सुझावः-
ऽ कॉमर्स के विधार्थी को व्यवसाय की व्यावहारिक जानकारी दी जानी चाहिए

श्री सिंघी , अध्यक्ष व्यापारी कल्याण बोर्ड, भारत सरकार, नई दिल्ली ने सकारात्मक रुख अपनाते हुए कहा कि उपरोक्त सुझावों पर उचित कदम उठाया जायेगा।

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