0 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में महज दो एबुंलेस होने से परेशान हैं ग्रामीण
बकावंड। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बकावंड की हालत एक अनार सौ बीमार जैसी हालत हो गई है।इतना बड़ा और सौ से भी अधिक गांवों का मुख्य अस्पताल होने के बावजूद यहां सिर्फ एक 108 एंबुलेंस और एक 102 वाहन ही उपलब्ध है। इन वाहनों के चालकों के मुख्यालय में रहने के लिए सरकारी आवास की व्यवस्था नहीं है। वाहन चालकों को आपात परिस्थितियों में आने के लिए लंबी दूरी तय करना पड़ती है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बकावंड के अंतर्गत 93 ग्राम पंचायतों के करीब पौने दो लाख ग्रामीण स्वास्थ्य जांच करवाने और मरीजों की बीमारियों का उपचार करवाने आते हैं। लेकिन इतने बड़े स्वास्थ्य केंद्र में महज दो एंबुलेंस वाहन हैं। दोनों ही एंबुलेंस हमेशा व्यस्त रहती हैं। इस बीच किसी मरीज को हायर सेंटर रेफर करना हो अथवा किसी गर्भवती महिला या फिर गंभीर घायल को तुरंत बकावंड पहुंचाना हो तो घंटों इंतजार करना पड़ता है। ऐसे हालात में पीड़ितों की जान पर बन आती है। जबकि यहां पर हर महीने 200 महिलाएं बच्चों को जन्म देती हैं। 102 का एंबुलेंस एक वाहन होने से सबसे ज्यादा परेशानी गर्भवती महिलाओं को उठानी पड़ती है।
कई बार जच्चा बच्चा दोनों की जान को भी खतरा बन जाता
वर्जन ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर हरीश मरकाम चर्चा करने पर उन्होंने कहा कि बकावंड ब्लॉक की आबादी 1 लाख 70 हजार है। इस लिहाज से यहां 108 एंबुलेंस वाहन कम से कम तीन होना चाहिए और 102 एंबुलेंस वाहन भी तीन होना चाहिए। एंबुलेंस 108 और 102 वाहन चालक कैलाश ठाकुर छबिलाल हरीश ने कहा कि बकावंड सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक एक वाहन होने के कारण और शासकीय आवस न होने से हमें काफी परेशानी होती है।
वर्सन
सांसद से किया है आग्रह
एंबुलेंस के संबंध में हमने सांसद महोदय से निवेदन किया है उन्होंने अतिशीघ्र इसका निराकरण का आश्वासन दिया है।
-डॉ. हरीश मरकाम,
बीएमओ, बकावंड