उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने माओवादी हिंसा से पीड़ित बस्तर के नागरिकों का अपने निवास में किया गर्मजोशी से स्वागत, सामग्री का भी किया वितरण

रायपुर। उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने अपने निवास कार्यालय पर माओवादी हिंसा से पीड़ित बस्तर के लगभग 55 नागरिकों का गर्मजोशी से स्वागत किया, जो अपनी व्यथा और समस्याओं को लेकर दिल्ली गए थे। उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने व्यक्तिगत रूप से प्रत्येक पीड़ित से मुलाकात की और उनका हालचाल जाना। उपमुख्यमंत्री ने उनकी पीड़ाओं को ध्यान से सुना। इस मौके पर उन्होंने पीड़ितों को दैनिक आवश्यकताओं की वस्तुएं जैसे रेडियो, घड़ी, थाली, लोटा, गिलास, टॉर्च, छत्तीसगढ़ी व्यंजन, बैग और बच्चों के लिए चॉकलेट का वितरण कर उनकी सहायता की।

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि “बस्तर के गांव-गांव में विकास के मार्ग को नक्सलियों ने आईईडी से जकड़ रखा है। ये आईईडी न गांववालों को पहचानती है, न जानवरों को। इसके धमाकों में सैकड़ों लोग अपंग हो चुके हैं। किसी का पैर कट गया है, किसी की आंखें चली गई हैं, तो कोई अपने हाथ खो चुका है। यह माओवादी हिंसा गांवों को दहशत में डालने का काम कर रही है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यहां उपस्थित सभी लोग उन मानवाधिकार समर्थकों से सवाल कर रहे हैं जो नक्सलियों का समर्थन करते हैं। आखिर क्यों कोई बस्तर के लोगों के दर्द पर चर्चा नहीं करता? बस्तर के गांववालों की जिंदगी पर कोई क्यों नहीं बोलता? यह अत्याचार कब तक चलेगा?”

उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने यह भी कहा की मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के संकल्प के अनुसार बस्तर और पूरे छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद का अंत किया जाएगा। जो लोग सुरक्षा बलों के मनोबल को तोड़ने की कोशिश करते हैं, उन्हें यह समझना चाहिए कि यह केवल बस्तर का नहीं बल्कि पूरे देश का मुद्दा है। नक्सली बस्तर के विकास और लोगों की शांति को बर्बाद करने में लगे हुए हैं और इसका प्रतिकार अब आवश्यक हो गया है।

इस दौरान उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने बस्तर के पीड़ितों का हौसला बढ़ाया और उनके साथ मजबूती से खड़े रहने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि बस्तर के लोग माओवादी आतंक के खिलाफ मजबूती से खड़े हैं और सरकार उनके साथ पूरी शक्ति से इस लड़ाई को लड़ेगी।

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