0 बीपीएस और जेपीएस में समझौते से ट्रांसपोर्ट बिजनेस पटरी पर आने की उम्मीद
(अर्जुन झा) जगदलपुर। सचमुच एकता में बड़ी ताकत होती है। इस बात का सबूत है एनएमडीसी की स्टील प्लांट प्रबंधन का महज 5 दिन में बैकफुट पर आ जाना। प्रबंधन द्वारा जिस प्रकार परिवहन व्यवसायियों के बीच मतभेद पैदा करने और उन्हें तोड़ने के लिए तरह तरह के हथकंडे अपनाए गए। डराने धमकाने से भी परहेज़ नहीं किया गया। अब वही प्रबंधन घुटनों पर और बैकफुट पर आ गया है। यह दोनों ही संगठनों की एकजुटता से संभव हो पाया है। अब इससे परिवहन व्यवसाय के पटरी पर लौट आने की उम्मीद बंध गई है।
जय झाड़ेश्वर परिवहन समिति (जेपीएस) और बस्तर परिवहन संघ (बीपीएस) के बीच फूट डालने के क्या क्या जतन नहीं किए गए। दोनों संगठनों में बिचौलियों की घुसपैठ करा दी गई। कुछ बिचौलियों को आगे कर संगठनों में दरार पैदा करने की कोशिश में कोई कसर बाकी नहीं रखी गई। लेकिन दोनों पक्षों की समझदारी के चलते फूट डालो और राज करो की नीति काम नहीं आई। दोनों संगठनों के पदाधिकारियों ने सूझबूझ का परिचय देते हुए आपसी सहमति से मामला सुलझा लिया। इसी सूझबूझ और एकजुटता का नतीजा है कि प्रबंधन को महज पांच दिन के भीतर उनकी बात माननी पड़ी है। केंद्र सरकार के सार्वजनिक उपक्रम एनएमडीसी द्वारा स्थापित नगरनार स्टील प्लांट से माल परिवहन में उद्योगपतियों की मनमानी रोकने बस्तर परिवहन संघ एवं झाड़ेश्वर परिवहन समिति ने मोर्चा खोला रखा है। इन दोनों संगठनों के बीच कुछ मुद्दों को लेकर मतभेद उभर आए थे। किंतु अब यह प्रशासनिक अधिकारियों, परिवहन समीति व एनएमडीसी प्रबंधन के बीच घंटों चली बैठक के बाद हुए समझौते से यह मतभेद और मन भेद दूर हो गए हैं। समझौते के बाद बस्तर परिवहन संघ अध्यक्ष अमरजीत सिंह रियार और जय झाड़ेश्वर परिवहन समिति के अध्यक्ष बनमाली नाग ने संयुक्त बयान जारी किया है।बयान में कहा गया है कि जय झाड़ेश्वर समिति एवं बस्तर परिवहन संघ के मध्य नगरनार प्लांट मटेरियल गेट पर एडिशनल एसपी, सीएसपी, एसडीएम एवं तहसीलदार और एनएमडीसी अधिकारी की उपस्थिति में दोनों संगठनों के पदाधिकारियों के मध्य सकारात्मक बातें हुईं।
इन मुद्दों पर बनी सहमति
बस्तर परिवहन संघ और जय झाड़ेश्वर परिवहन समिति के बीच जिन मुख्य मुद्दों पर सहमति बनी है, वे इस प्रकार हैं -नगरनार प्लांट के उत्पादित सभी माल का परिवहन सभी राज्यों में जय झाड़ेश्वर परिवहन समिति एवं बस्तर परिवहन संघ की सहभागिता से किया जाएगा। 55 प्रतिशत उत्पादित माल का परिवहन जय झाड़ेश्वर समिति एवं 45 प्रतिशत माल का परिवहन बस्तर परिवहन संघ द्वारा किया जाएगा। जय झाड़ेश्वर समिति 55 प्रतिशत माल को प्रथम समिति की गाड़ियों के पुकार के पश्चात बचत माल (55 प्रतिशत में से अधिक) बस्तर परिवहन संघ को दिया जाएगा। एनएमडीसी व उद्योगपतियों द्वारा जो माल परिवहन हेतु दिया जाएगा उसका 55 प्रतिशत जय झाड़ेश्वर समिति एवं 45 प्रतिशत बस्तर परिवहन संघ के माल की पुकार दोनों संगठनों के कार्यालयों में की जाएगी। जय झाड़ेश्वर सदस्यों की सदस्यता सीमा केवल बस्तर जिला तय किया गया है, लेकिन बीपीएस के सदस्यों के परिवार के किसी भी व्यक्ति को सदस्य नहीं बनाया जाएगा एवं बस्तर परिवहन संघ का कोई सदस्य झाडे़श्वर का सदस्य बनना चाहे तो 10 रुपये के स्टांप पेपर में नोटरी शपथ पत्र के साथ देना पड़ेगा कि मैं स्वेच्छा से बस्तर परिवहन संघ की सदस्यता का त्याग करता हूं एवं मेरे परिवार कभी उसकी सदस्यता का दावा नहीं करेगा। महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि परिवहन की दर किसी भी राज्य किसी स्थान की दोनों संस्थाओं के पदाधिकारी मिलकर तय करेंगे तथा झाडे़श्वर समिति के सदस्य पत्ता, गोला का परिवहन नहीं करेंगे।