0 मुख्यमंत्री ने कोलकाता में उद्योग समूहों के प्रमुखों से की वन-टू-वन चर्चा
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वन-टू-वन चर्चा में उद्योगपतियों के सुझाव पर उन्हें आश्वस्त किया कि उनकी बातों पर न केवल गंभीरता से विचार किया जायेगा, बल्कि प्रदेश के विकास के लिये “आउट ऑफ द वे” जाकर निराकरण भी किया जायेगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वन-टू-वन बैठक के माध्यम से विभिन्न उद्योगपतियों से उनकी आवश्यकताओं, चुनौतियों और विकास की संभावनाओं पर चर्चा की। डॉ. यादव ने राज्य में निवेश की नीतियों और प्रक्रियाओं को सरल बनाने की प्रतिबद्धता जताई और सरकार द्वारा दी जाने वाली विभिन्न सुविधाओं और प्रोत्साहनों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य राज्य में उद्योगों के लिए एक अनुकूल वातावरण तैयार करना है, जिससे न केवल स्थानीय व्यवसायों को फायदा हो, बल्कि बाहरी निवेशक भी प्रोत्साहित होकर मध्यप्रदेश में आकर अपने व्यवसाय को आगे बढ़ायें।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कोलकाता के इंटरैक्टिव सेशन में प्रमुख रूप से राजीव मुंद्रा – चैयरमेन जेएमएस माइनिंग, अश्विन जेलोढ़ा – एमडी और सीईओ ओरिएंट पेपर मिल, इंद्रजीत मुखर्जी – वाईस चैयरमैन टेक्स्मॉको रेल और इंजीनियरिंग लिमिटेड, विनोद कुमार गुप्ता – एमडी डॉलर उद्योग, आपरेश अग्रवाल – एमडी रूपा उद्योग, अनुराग चौधरी सीएमडी एवं अरूण कुमार शुक्ला अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड सहित फूड प्रोसेसिंग, प्लास्टिक एवं पैकेजिंग, मैटल, केमिकल एवं बैटरी, सीमेंट एवं जूट खनन, आयरन एवं स्टील, पॉवर सीमेंट, नवकरणीय ऊर्जा, अधोसंरचना विकास, रेलवे वैगन एवं उपकरण, पेपर एवं पल्प, टेक्सटाइल, लॉजिटिक्स एवं वेयर हाउसिंग एवं एविएशन, टेक्सटाइल एवं गारमेंट, पॉलीमर कम्पाउंड, हास्पिटेलिटी, लुब्रीकेंटस, होम केयर एवं ईवी प्रोडक्ट, सौर ऊर्जा, पशु आहार आदि सेक्टर से संबंधित 31 उद्योगपतियों से वन-टू-वन चर्चा की। चर्चा में उद्योगपतियों ने भी अपने विचार साझा किए और राज्य में निवेश करने की संभावनाओं पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार विभिन्न उद्योगों के बीच समन्वय बढ़ाने और नई योजनाओं को लागू करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने सभी उद्योगपतियों को राज्य में अधिक से अधिक निवेश करने और सरकार के विकासात्मक एजेंडे में भागीदार बनने का निमंत्रण दिया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव की यह पहल न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में मदद करेगी, बल्कि राज्य को एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।