0 करपावंड के छात्रावास में छात्राओं की सेहत से किया जा रहा है खिलवाड़
(अर्जुन झा) बकावंड। बस्तर जिले के आश्रम छात्रावासों में रहकर पढ़ाई करने वाले छात्र छात्राओं की सेहत से खुलकर खिलवाड़ किया जा रहा है। उन्हें सड़ी गली सब्जियां, इल्ली वाले चावल से बना भात और घुन लगे गेहूं के आटे से बनी रोटियां खाने मजबूर किया जा रहा है। ऐसा ही एक बड़ा मामला बकावंड विकासखंड के करपावंड स्थित 80 सीटर बालिका आश्रम छात्रवास में सामने आया है।
करपावंड बालिका छात्रावास में छात्राओं को पौष्टिक भोजन की जगह निहायत ही घटिया स्तर का भोजन दिया जा रहा है। कमीशन के चक्कर में छात्राओं के निवाले पर डाका डाला जा रहा है। छात्राओं को कभी पौष्टिक भोजन नहीं दिया जाता। बाजार से जो सब्जियां लाई जाती हैं, वो सड़ी गली और कीड़े लगी होती हैं। सब्जी के नाम पर रोज सड़ी गली पत्ता गोभी की सब्जी परोसी जाती है। पत्ता गोभी बाजार में सस्ते में मिल जाती है। अगर वह सड़ी एवं कीड़े लगी हो तो पानी के मोल मिलती है। उसी की सब्जी बनवा कर छात्राओं को प्रतिदिन खिलाया जाता है। दाल के नाम पर पानी दिया जाता है। चावल में इल्ली बिलबिलाती नजर आती है। जिस गेहूं के आटे की रोटी इस छात्रावास में बनाई जाती है, वह भी घुन लगा होता है। ऐसे चावल और आटे को तो मवेशी भी नहीं खाएंगे। मगर छात्राएं मजबूर हैं क्योंकि गांव घर से दूर यहां आकर पढ़ाई कर रही हैं। मन मारकर शरीर चलाने के लिए वे भोजन के नाम पर जहर खा रही हैं। मंडल संयोजक छात्रावास की व्यवस्था से अनजान नहीं हैं। मंडल संयोजक को जानकारी देने के बाद भी व्यवस्था सुधारने कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है छात्रावास से अधीक्षिका नदारद रहती हैं।
वर्सन
हां बदइंतजामी तो है
लगातार इस तरह की खबरें आ रही हैं। मेरे निरीक्षण के दौरान भी खामियां दिखी थीं।अधिकारियों को अवगत कराने के बाद भी कार्रवाई नहीं होती है। खराब भोजन की वजह से ही बच्चे बीमार होते हैं।
-मनीराम कश्यप,
सभापति, शिक्षा समिति, जिला पंचायत बस्तर