गंगा मुंडा तालाब की स्वछता के लिए जुटे पर्यावरण प्रेमी…

0  बीते 10 हफ्ते से हर रविवार कर रहे हैं श्रमदान
जगदलपुर। गीता-वासुदेव वेलफेयर फाउंडेशन सोसाइटी के सदस्यों और वार्डवासियों द्वारा गंगा मुंडा स्वच्छता अभियान के तहत दसवें रविवार 8 सितंबर को प्रातः 7 से 10 बजे तक स्वच्छता अभियान चलाया गया। स्वच्छता अभियान के तहत घाटों की सफाई वा उसके किनारे उगी हुई गैर जरूरी घास फूस, पौधों, झाड़ियों, खर पतवार को साफ किया गया। प्लास्टिक व शराब की बोतलें, झिल्ली -पन्नी, खराब कपड़े अन्य कचरे आदि निकले गए। मंदिरों की वा धार्मिक तीज त्योहारों के समय की पूजन सामग्री जो तालाबों में विसर्जित की जाती है, तालाब से निकली गई। सबको साफ कर घाट के ऊपर एक कोने पर एकत्रित किया गया। तालाब के चारों तरफ चार-पांच मंदिर हैं। यह ऐतिहासिक बड़ा तालाब होने के कारण अनेक प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान व कार्यक्रमों से बची हुई सामग्री को लोग वहीं पर विसर्जित कर देते हैं। इससे भी तालाब को बहुत ज्यादा पर्यावरणीय नुकसान पहुंच रहा है। समिति के सदस्यों ने लोगों को वहां कचरा न फेंकने की सलाह घर-घर जाकर दी व स्वच्छता जागरण अभियान चलाया।गीता वासुदेव वेलफेयर फाउंडेशन सोसाइटी का उद्देश्य लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करना व श्रेष्ठ नागरिक होने की जिम्मेदारी का निर्वाह करने के लिए प्रेरित करना, परिवार समाज आदि को जन जागरण अभियान के तहत सजग कर स्वच्छता के बारे में बताना वा उसके फायदे से अवगत कराना है।

निजी खर्च से मुहिम

वस्तुतः सीमित साधनों वा व्यक्तिगत राशि से संचालित वेलफेयर सोसाइटी का यह प्रयास की लुप्त होते गंगा मुंडा तालाब को सुरक्षित व संवर्धित कर उसके सौंदर्यीकरण के प्रति शासन प्रशासन का ध्यान आकर्षित करना है। रविवार के कार्यक्रम में बड़े उत्साहपूर्वक समिति के सदस्यों व समाज के लोगों ने सफाई अभियान में भाग लिया। यह अभियान निरंतर चलता रहेगा, ताकि इस शहर के मात्र बचे हुए दो तालाब में दूसरा सबसे बड़ा ऐतिहासिक तालाब को सुरक्षित किया जा सके। यहां पर यह बात बहुत अहम है कि उस पूरे इलाके का जल भूस्तर इसी तालाब की वजह से बना रहता है, जो अब पूरी तरह गंदगी की वजह से गंगा मुंडा की जगह गंदा बनता जा रहा है।अभियान में गीता-वासुदेव वेलफेयर फाउंडेशन सोसाइटी के अध्यक्ष डीके पाराशर, उपाध्यक्ष अजय पाल सिंह जसवाल, पूनम शर्मा, दीपक साहू, पांडव भोल, सादिक सिद्धकी, वीरेंद्र बहोते, रजनीश आचार्य, एस.आर साहू, विजय डड़सेना, दीपक सुंदरानी, टीके मिश्रा, दीपक श्रीवास्तव, एसके पॉल, बीटी विश्वास, हरिशंकर झा, आर. मरकाम, एसआर साहू, हीरामन कुकड़े, राहुल उपाध्याय, शेख फारूक आदि ने अपना भरपूर सहयोग दिया।

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