0 आपका अच्छा गांव अब बन गया अपनी अच्छी जेब
0 आपका अच्छा गांव का कांसेप्ट भर्राशाही का शिकार
(अर्जुन झा) जगदलपुर। बस्तर आदिवासी बाहुल्य संभाग है और हर मंच पर यह बात कही जाती है कि बस्तर में माओवाद पनपने का प्रमुख कारण विकास कार्यों में बेलगाम भ्रष्टाचार है जिसके कारण आदिवासी समाज का उत्थान नहीं हो पा रहा है।तत्कालीन रमन सिंह सरकार के सलवा जुडूम अभियान हो या भूपेश बघेल सरकार का लोन वर्राटु योजना हो या वर्तमान में शुरू नियद नेल्लानार योजना, सभी का मुख्य उद्देश्य जनता को विकास की मुख्यधारा से जोड़ना है किंतु बस्तर के माओवाद प्रभावित क्षेत्र में बेलगाम ठेकेदारों द्वारा सभी योजनाओं को पलीता लगाने से वर्तमान सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट नियद नेल्लानार पर भी ग्रहण लग रहा है। विगत कुछ माह पूर्व शुरू हुए नियद नेल्लानार योजना के काम में जमकर भ्रष्टाचार किया गया है। इसके तहत कराए गए निर्माण में हुए भ्रष्टाचार की पोल पहली बारिश में ही खुल गई है।
बस्तर संभाग के अति माओवाद प्रभावित बीजापुर जिले में विशेष केंद्रीय सहायता (एससीए) योजना अंतर्गत माओवाद प्रभावित क्षेत्र हिरोली से कावडगांव तक जीएस बीडब्ल्यूएमएम और बीटी सड़क निर्माण कार्य हिरोली से कावडगांव तक 1.53 किमी सड़क पार्ट-1, लागत 49.96 लाख रुपए से स्वीकृति मिली। कार्य एजेंसी जिला निर्माण समिति बीजापुर को बनाया गया। जिला निर्माण समिति द्वारा सतत निगरानी नहीं करने से ठेकेदार द्वारा गुणवत्ताहीन कार्य किया गया। जिसके कारण पहली ही बारिश में ही निर्माण कार्य की पोल खुल गई है। सड़क बीच से फट कर धस गई है। ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार माओवाद प्रभावित गांवों तक बुनियादी सुविधाएं और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ जनता को दिलाने के लिए ‘नियद नेल्लानार योजना शुरू की है, लेकिन इस योजना के तहत जो निर्माण कार्य कराए जा रहे हैं, वो सीधे तौर पर इस योजना को मुंह चिढ़ाते नजर आ रहे हैं।
नियद नेल्लानार स्थानीय माडिया दंडामी बोली का वाक्य है, जिसका शाब्दिक अर्थ है आपका अच्छा गांव। सरकार की मंशा है कि बस्तर क्षेत्र में सुरक्षा शिविरों के 5 किलोमीटर के दायरे में स्थित गांवों में सुविधाएं और लाभ प्रदान किए जाएं। बस्तर में 14 नए सुरक्षा कैम्पों के बीच नई योजना के कार्यान्वयन को सुविधाजनक बनाने में भी सहायता करेंगे। नियद नेल्लानार के तहत ऐसे गांवों में लगभग 25 बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। इसके तहत बारहमासी सड़कों का जाल बिछाने और पुल पुलियों का निर्माण भी शामिल हैं लेकिन बीजापुर जिले में इस योजना पर शुरुआती दौर में ग्रहण लग गया है। जिसके कारण अब यह योजना पर भी सलवा जुडूम अभियान, लोन वर्राटू योजना की तर्ज़ पर सवालिया निशान लगते दिखाई दे रहा है।