० समावेशी और भविष्योन्मुखी विकास का निरूपण
उप-मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि यह बजट समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलने वाला है। महिला सशक्तिकरण, अल्पसंख्यक कल्याण और दिव्यांगजन के लिए विशेष योजनाएं शामिल की गई हैं, जिससे देश के प्रत्येक नागरिक को विकास की मुख्यधारा में शामिल किया जा सके। उप-मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण को इस दूरदर्शी और संतुलित बजट के लिए बधाई दी है। उन्होंने कहा है कि यह बजट भारत को सशक्त, समृद्ध, आत्मनिर्भर और विकसित राष्ट्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
स्वास्थ्य क्षेत्र के बजट में 12.7 प्रतिशत से अधिक वृद्धि
उप-मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में सरकार ने उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए बजट में विशेष प्रावधान किए हैं। उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में 12.7 प्रतिशत से अधिक वृद्धि कर 89 हज़ार 287 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। शिक्षा के क्षेत्र में 15 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि कर 1 लाख 25 हज़ार 638 करोड़ रुपये प्रावधानित हैं।
कौशल विकास और रोज़गार के अवसर प्रदान करने के कई प्रावधान
4 करोड़ 10 लाख से अधिक युवा लाभान्वित होंगे
उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट में युवाओं को कौशल विकास और रोज़गार के अवसर प्रदान करने के प्रावधान किए गये है। इन प्रावधानों से 4 करोड़ 10 लाख से अधिक युवा लाभान्वित होंगे। किसानों की आय बढ़ाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए बजट में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए विगत माह न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी की गयी थी, सिंचाई परियोजनाओं के विस्तार के लिए वित्तीय सहायता के साथ जैविक खेती और प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन देने के बजट में सशक्त प्रयास किये गये हैं। अगले 2 वर्ष में पूरे देश में एक करोड़ कसानों को प्राकृतिक कृषि से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही किसानों को ब्रांडिंग में सहयोग प्रदान करने के भी प्रावधान किए गये हैं।
एमएसएमई को वित्तीय सहायता, स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन
आधारभूत संरचनाओं के विकास के लिए, सरकार ने सड़क, रेल, और हवाई मार्ग के विस्तार के लिए बड़े प्रावधान किए हैं। उप-मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि यह बजट देश के औद्योगिक विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है। एमएसएमई सेक्टर को वित्तीय सहायता, स्टार्टअप्स के लिए प्रोत्साहन, और मेक इन इंडिया अभियान को मजबूती देने के लिए सकारात्मक कदम उठाए गए हैं। ‘तरुण’ श्रेणी के अंतर्गत मुद्रा ऋण की सीमा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये किए जाने के प्रावधान किये गये हैं। यह प्रावधान एमएसएमई क्षेत्र को मज़बूती प्रदान करेगा साथ ही रोज़गारों के सृजन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।