0 सहदेव, शामू, प्रेमशंकर और बालेश दुबे दौड़ में
(योगेश पाणिग्रही)जगदलपुर। लोकसभा चुनाव के दौरान नाटकीय घटनाक्रम में बस्तर जिला कांग्रेस (ग्रामीण) अध्यक्ष बलराम मौर्य ने पार्टी छोड़ दी। उसके बाद से ग्रामीण जिला अध्यक्ष का पद खाली पड़ा है। सामने नगरीय निकाय व पंचायत चुनाव हैं। इसे देखते हुए जिला अध्यक्ष पद के लिए लाबिंग शुरू हो गई है। दौड़ में चार कांग्रेसियों के नाम सामने आ रहें हैं। जिसमें प्रमुख तोकापाल ब्लाक से सहदेव नाग, बस्तर ब्लाक से प्रेमशंकर शुक्ला, बालेश दुबे तथा पूर्व विधायक प्रत्याशी शामू कश्यप शामिल हैं।
सहदेव नाग तोकापाल ब्लाक अध्यक्ष का दायित्व संभाल रहें हैं और तो और वह आदिवासियों के बाद सबसे बड़े समाज माहरा समाज से आते हैं। जगदलपुर के शामू कश्यप भी इस पद के लिए लॉबिंग कर रहें हैं। वह भी माहरा समाज से ताल्लुक रखते हैं। पूर्व में माहरा समुदाय सामान्य वर्ग में आता था, किंतु पूर्व सांसद दीपक बैज की लगातार पहल के बाद केंद्र सरकार ने माहरा समुदाय को अनुसूचित जाति वर्ग में सम्मिलित कर दिया है। सामान्य वर्ग से जुड़े प्रेम शंकर शुक्ला कार्यकारी जिलाध्यक्ष की भूमिका में संगठन चला चुके हैं। वहीं बालेश दुबे में भी संगठनात्मक दक्षता है लेकिन वह क्या पद को डीजर्ब कर पाएंगे? बहरहाल ये चारों नेता हर दृष्टि से सुयोग्य हैं।
आदिवासी नेताओं का अकाल
आदिवासी बाहुल्य बस्तर जिले में सात विकासखंड हैं और कांग्रेस पार्टी के संगठन के लिहाज से 13 ब्लाक इकाईयां हैं। आदिवासी बाहुल्य इस क्षेत्र में ऊर्जावान आदिवासी नेताओं का अकाल पड़ गया है। क्योंकि नामचीन चेहरे सामने नहीं आ रहें हैं। जिसके कारण बस्तर में संगठनात्मक ढांचा तैयार नहीं हो पा रहा है। छत्तीसगढ़ बनने के दौरान से संगठन का दायित्व संभालने वाले नेताओं में लखेश्वर बघेल, राजमन बेंजाम व बलराम मौर्य रहे हैं। ये तीनों नेता कभी सेकंड लीडरशिप खड़े नहीं कर पाए तो अब संगठन को खड़ा करना चुनौतीपूर्ण है।
बैज, बघेल की सहमति अहम
बस्तर में कांग्रेस संगठन की गतिविधियां शून्य जैसी हो गई हैं, जिसके कारण इस प्रकार की स्थिति निर्मित हो रही है। आगामी स्थानीय निकाय चुनावों को देखते हुए और पार्टी को मजबूती प्रदान करने के लिए बस्तर जिला ग्रामीण संगठन में जल्द ही अध्यक्ष की नियुक्ति की जा सकती है। बस्तर जिले से जमीनी ताल्लुकात रखने वाले कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज तथा पूर्व जिला अध्यक्ष, वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं बस्तर क्षेत्र के विधायक लखेश्वर बघेल की सहमति को महत्व दिया जाएगा।