0 कई स्कूलों में दस्तक दी बीईओ बलिराम बघेल ने
जगदलपुर। नया शिक्षा सत्र प्रारंभ होते ही राज्य से प्राप्त दिशा निर्देश एवं कलेक्टर विजय दयाराम के. तथा जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रकाश सर्वे के मार्गदर्शन के अनुरूप बस्तर जिले में शिक्षा व्यवस्था को प्रभावी बनाने हेतु स्कूलों की सघन मॉनिटरिंग जिला शिक्षा अधिकारी बस्तर बलिराम बघेल द्वारा की जा रही है।
डीईओ श्री बघेल ने पीएम श्री आदर्श स्कूल कंगोली, माध्यमिक शाला नेगानार, प्राथमिक शाला मगनर, हायर सेकंडरी स्कूल नेगानार, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय दरभा, माध्यमिक शाला दरभा का निरीक्षण किया तथा बच्चों से चर्चा की। कक्षाओं अवलोकन भी बघेल के द्वारा किया गया। स्कूलों में जो भी कमियां दिखाई दीं, उन्हें तत्काल दूर करने हेतु प्रधान अध्यापकों व प्राचार्य को निर्देशित किया। उन्होंने जो बच्चे स्कूल में अनुपस्थित हैं,उनके पालकों से संपर्क कर उनकी उपस्थिति शत प्रतिशत सुनिश्चित करने को कहा। इसके साथ ही पाठ्य पुस्तक, गणवेश वितरण की स्थिति की जानकारी भी ली गई। सभी बच्चों को पाठ्य पुस्तक एवं गणवेश प्राप्त हो चुके हैं। शिक्षकों को अप्रवेशी एवं शाला त्यागी बच्चो को तत्काल प्रवेश दिलाकर जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए। श्री बघेल ने कहा कि पालकों से निरंतर संपर्क रखें जिससे बच्चे अप्रवेशी और शाला त्यागी न रह जाएं। स्कूलों में प्रत्येक कक्षा में विषयवार एवं कक्षावार विद्यार्थी सूचकांक की अनिवार्यता निश्चित की गई है, जिससे निरीक्षण कर्ता द्वारा बच्चों की शैक्षणिक गुणवत्ता का आंकलन किया जा सके l शिक्षकों को अध्यापक दयनंदानी प्रतिदिन लिखने के भी निर्देश दिया गया है जिससे कार्ययोजना अनुरूप कक्षा अध्यापन किया जा सके । FLN का प्रशिक्षण सभी प्राथमिक शाला के शिक्षकों ने प्राप्त किया है प्रशिक्षण में बुनियादी साक्षरता एवं संख्यात्मक ज्ञान की क्वालिटी पूर्वक शिक्षा किस प्रकार दी जा सके यह अवगत कराया गया है इसका शत प्रतिशत पालन शिक्षक स्कूलों में करें और एलिमेंट्री एजुकेशन बच्चों को रचनात्मक ढंग से देवें ।
बलवाड़ी में निर्धारित लक्ष्य के बच्चों को शत प्रतिशत प्रवेश देते हुए उन्हें दो घंटा अध्यापन कराने हेतु अधिकृत शिक्षकों से भी चर्चा कर रचनात्मक ढंग से अध्यापन हेतु प्रेरित किया गया है ।
सभी शिक्षक को शाला समय का कड़ाई से पालन करने एवं मध्यान भोजन मीनू अनुसार उपलब्ध कराने हेतु स्व सहायता समूह को अवगत कराया गया। किचन गार्डन न बनाने तथा बच्चों की उपस्थिति कम होने पर नाराजगी प्रकट करते हुए प्राचार्य एवं प्रधानाध्यापकों को शत प्रतिशत उपस्थिति बच्चों की सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। जिला प्रशासन द्वारा जारी शैक्षणिक कैलेंडर प्रत्येक स्कूल में वितरित किया गया है उसका उपयोग कर शैक्षणिक गुणवत्ता में कसावट लाने का भी निर्देश दिया गया।