रायपुर। देश के सबसे बड़े व्यापारिक संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमर पारवानी एवं प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी ने बताया कि कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमर पारवानी अध्यक्षता में कैट एवं तकनीकी टीम की मिटिंग हुई जिसमें आगामी आम बजट हेतु आयकर एवं जीएसटी सरलीकरण हेतु केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को आम बजट हेतु आयकर एवं जीएसटी सरलीकरण से संबंधित सुझाव दिया गया।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन एवं कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल ने बताया कि कैट सी.जी. चैप्टर ने केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को आम बजट हेतु आयकर एवं जीएसटी सरलीकरण से संबंधित सुझाव दिया गया। जो निम्नानुसार है :-
जीएसटी सरलीकरण हेतु प्रमुख सुझाव : –
01, पूर्व माह का जीएसटीआर -3बी न जमा होने पर जीएसटीआर -1 जमा करने पर प्रतिबन्ध 02. विक्रेता पर ही कार्यवाही की जानी चाहिए। 03. नियम 21 जीएसटी पंजीकरण का निलंबन/निरस्तीकरण 04. इनपुट टैक्स क्रेडिट जीएसटीआर 2बी के आधार मान्य होने, 05 आरसीएम संबधित प्रावधान, 06 जीएसटी वार्षिक विवरण के सम्बंध में सुझाव, 07. छुटे हुए इनपुट टैक्स क्रेडिट लेन एवं वार्षिक विवरण पत्र में संशोधन किए जाने हेतु अवसर प्रदान करने बाबत,08. ई-वे बिल की वैधता अवधि में 50 प्रतिशत की कटौती, 09. माल के परिवहन एवं ई-वे बिल सम्बंधित समस्याएं, 10 ई- इनवासिंग की स्थिति में खरीददार को इनपुट अनिवार्य रूप से मिलना चाहिए, 11. ई-इनवॉइसिंग के 1 अगस्त 2023 से रु.5 करोड़ तक के टर्नओवर वाले व्यापारियों पर लागू किए गए प्रावधान वापस लेने बाबत, 12. जीएसटी का रजिस्ट्रेशन संरेडर करने बाबत्, 13. ब्याज, पेनाल्टी एवं विलंब शुल्क से छुट प्रदान करने हेतु , 14. व्यवसाय को राहत देने एवं ईज ऑफ डूइंग हेतु सुझाव, 15. जीएसटी के प्रावधानों में सुधार हेतु अन्य सुझाव, 16 रिटर्न सम्बंधित अन्य समस्याएं, 17. एक व्यवसाय एक कर, 18. जीएसटी की दर में कमी करने हेतु सुझाव, 19. आंशिक रूप से/बिना नकद भुगतान के फॉर्म जीएसटीआर 3बी जमा करने का विकल्प दिया जाना चाहिए, 20. आईजीएसटी आउटपुट के भुगतान के लिये सीजीएसटी और या एसजीएसटी इनपुट का उपयोग करने के लिये समान विकल्प दिया जाना चाहिये, 21. पंजीयन से सम्बंधित, 22 .अन्य सुझाव।
आगामी बजट हेतु आयकर के लिए प्रमुख सुझाव :-
01. टीसीएस या टीडीएस को हटाया जाना चाहिये (धारा 198 क्यु), 02. धारा 263 के तहत आदेश के अनुसार ताजा मूल्यांकन, 03 .धारा 17(2) के अनुदान से संबंधित मुद्दे, 04. धारा 139(4) के अंतर्गत विलंबित रिटर्न की समय सीमा/धारा 139 (5) के अंतर्गत संशोधित रिटर्न से संबंधित मुद्दा, 05.आईटीआर दाखिल करने के लिए अनिवार्य विलंब शुल्क को यक्तिसंगत बनाने से संबंधित मुद्दा (234एफ), 06. धारा 139(8ए) के तहत अद्यतन रिटर्न से संबंधित मुद्दे, 07. प्राथमिक मेल और द्वितीयक मेल दोनों में ई-मेल के माध्यम से नोटिस आदि की सेवा अनिवार्यत, 08. धारा 148 – मूल्यांकन को फिर से खोलने के नए प्रावधानए, 09. अपीलों की प्राथमिकता पर सुनवाई और निपटान, 10. अन्य प्रक्रियात्मक मुद्दे, 11. लघु समय सीमा, 12 सीआईटी (ए) के समक्ष अपीलों के लंबित होने से संबंधित मुद्दा, पुरानी मांगों के भुगतान का श्रेय, 13. आईटीआर की प्रोसेसिंग न होने/प्रोसेस्ड आईटीआर का रिफंड न जारी होने से संबंधित मुद्दे (इन), 14. बड़े रिफंड का मामला, 15. खुदरा व्यापार को बढ़ावा देने, 15. वायदा बाजार, 16. धारा-56 ;2द्ध,ए 17. हाउस प्रापर्टी संबंधित, 18. टी.डी.एस., 19. नगद लेन देन सीमा, 20. आयकर रिटर्न, 21. आयकर सर्च एवं सर्वे, 22. अन्य प्रावधानों में सुधार हेतु सुझाव।
श्री पारवानी एवं श्री दोशी ने केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से निवेदन किया। कि व्यापार एवं उद्योग के हित में जीएसटी सरलीकरण एवं आयकर से संबंधित उपरोक्त सुझावों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करनें की कृपा करेगें। निर्मला सीतारमण को सुझाव प्रेषित करते समय कैट , युवा टीम एवं तकनीकी टीम के पदाधिकारी मुख्य रूप से उपस्थित रहे :- अमर पारवानी, जितेन्द्र दोषी, परमानन्द जैन, सुरिन्द्रर सिंह, भरत जैन, अजय अग्रवाल, अवनीत सिंह, अमर धींगानी, विजय पटेल, सीए मुकेश मोटवानी, सतीश तावनिया, अजय तनवानी, राकेश ओचवानी, पवन वाधवा एवं महेश जेठानी आदि।