बड़े पद पर रहते हुए भी अपनी परंपरा और संस्कृति से बंधी रहीं डॉ. करुणा मरावी

0 गोंडवाना समाज बस्तर ने डॉ करुणा को दी विदाई

जगदलपुर। गोंडवाना समाज समन्वय समिति जिला बस्तर जगदलपुर द्वारा मेडिकल कॉलेज डिमरापाल में पदस्थ सहायक प्राध्यापक स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. करुणा मरावी को विदाई दी गई। स्थानीय गोंडवाना समाज भवन में कार्यक्रम आयोजित कर गुरुवार शाम को मेडिकल कॉलेज में पदस्थ असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर करुणा मरावी का नियमित सहायक प्राध्यापक के रूप में संघ लोकसेवा आयोग मध्यप्रदेश द्वारा मध्यप्रदेश के लिए चयनित होने पर विदाई समारोह का आयोजन किया गया था। इस अवसर पर गोंडवाना समाज समन्वय समिति के जिला अध्यक्ष तिरुमाल नकुल सिंह सेवता, महिला प्रभाग अध्यक्ष शीतला कोर्राम, कोषाध्यक्ष दीपा मांझी, डॉ. आरकेएस राज सोरी, नरेश मरकाम, सुखलाल नेताम, श्याम नेताम, रामेश्वरी सोरी, अंबिका ध्रुव, नीरज कुंजाम, आदि उपस्थित थे। जिला अध्यक्ष नकुल सिंह सेवता ने डॉ. करुणा मरावी को बधाई देते हुए कहा कि आप जहां पर भी अपनी शासकीय सेवा रहें, वहां पर आदिवासी समाज की निरंतर सेवा करने के साथ ही समाज से जुड़े रहें। साथ ही सेवता ने कहा कि गोंडवाना समाज समन्वय समिति बस्तर जिला आपके उज्जवल भविष्य की कामना करता है। उन्होंने बड़े ओहदे पर रहते हुए भी अपनी सामाजिक संस्कृति और परंपराओं से डॉ. करुणा मरावी के जुड़े रहने को सभी के लिए प्रेरणा दायक बताया।मंच संचालन करते हुए माखन लाल सोरी ने कहा कि डॉ. करूणा मेरावी ने अल्प सेवाकाल में ही मेडिकल कॉलेज अस्पताल एवं समाज के लिए अलग अंदाज़ से काम करते हुए अपनी विशेष पहचान बनाई यह अनुकरणीय है। शीतला कोर्राम ने कहा कि समाज में बच्चों को ऐसे निस्वार्थ सेवा भावी डाक्टरों के बारे में जानकारी देना चाहिए ताकि उनसे प्रेरणा मिले। दीपा मांझी ने डॉ. मरावी की उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए सर्व आदिवासी समाज द्वारा आयोजित प्रथम निशुल्क मेडिकल कैंप का जिक्र किया और कहा कि इस कैंप के आयोजन में डॉ. करूणा की भूमिका महत्त्वपूर्ण थी और भी कैंप करने पर विचार किया गया था, लेकिन आप बस्तर छोड़कर जा रही हैं। मंच पर अंबिका ध्रुव, डॉ राज सोरी, नरेश मरकाम नीरज कुंजाम श्याम नेताम रामेश्वरी सोरी ने भी बात रखते हुए उज्ज्वल भविष्य की कामना की। अंत में डॉक्टर करूणा मरावी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि बस्तर बहुत सुंदर है यहां के आदिवासी समाज के लोग बहुत सरल सीधे हैं बस्तर छोड़कर जाना मेरे लिए बहुत कठिन है लेकिन जीवन में कुछ पाने के लिए कुछ त्याग भी करना पड़ता है। बस्तर से दूर जरूर जा रही हूं परंतु सोशल मीडिया और दूरभाष के माध्यम से लगातार आपके संपर्क में रहूंगी और बस्तर के लिए जो भी संभव हो सकता है खासकर सामाजिक कार्यक्रमों में सहभागिता और मार्गदर्शन के लिए यथासंभव जो भी हो पाएगा वह बराबर बना रहेगा और साल में एक या दो बार बस्तर जरूर आऊंगी। बस्तर की अंदरूनी क्षेत्रों में मेडिकल कैंप करके स्थानीय लोगों की सेवा करने का जो सपना था वह अधूरा जरूर है और इसके लिए मेरे जूनियर मेडिकल स्टूडेंट लोग इस अधूरे मिशन को जरूर लगातार करते हुए पूरा करेंगे इसका मुझे विश्वास है। इतने कम समय में गोंडवाना समाज समन्वय समिति बस्तर के सभी सगा सिपाहियों से प्रत्यक्ष मुलाकात नहीं कर पाई इसका मलाल रहेगा परन्तु आप सभी के साथ अप्रत्यक्ष रूप से शामिल रहेगें। डॉक्टर करूणा मेरावी ने अपने ग्रामीण परिवेश से शिक्षा प्राप्त करते हुए सफलता के बारे में बताया कि अपने समाज परिवार के बड़ों के मान सेवा समर्पण करते हुए ही सफल होना आत्म संतुष्टि प्रदान करता है यही सबसे बड़ी अमूल्य पूंजी है। डॉक्टर करूणा ने गोंडवाणा समाज समन्वय स्थापित समिति बस्तर जिला के द्वारा उनके सम्मान में आयोजित विदाई समारोह के लिए सहृदय आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद व्यक्त किया। अंत में नरेश मरकाम द्वारा सभी का आभार व्यक्त किया गया।

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