आपको नर्क के नजारे देखने हों तो चले आइए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बकावंड में

0 बजबजा रहे हैं शौचालय, पानी के लिए तरस रहे हैं मरीज और परिजन 
0  मच्छरों की है भरमार, बिस्तर हैं मैले कुचैले

(अर्जुन झा) बकावंड। आगर आपको जीते जी नर्क के नजारे देखने हैं, तो कहीं और जाने की जरूरत नहीं है, सीधे चले आइए बकावंड के शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में। नर्क के सारे दृश्य आपको यहीं पर देखने को बिना मरे ही देखने को मिल जाएंगे। यहां न पानी है और न गर्मी से राहत पाने के लिए कूलर पंखों का इंतजाम। बिस्तर चादरें सारी गंदी पड़ी हैं। मच्छरों की भरमार रही सही कसर पूरी कर रही है।
शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बकावंड पर विकासखंड के हजारों ग्रामीण चिकित्सा सुविधा के लिए निर्भर हैं, मगर यहां विकासखंड स्तरीय सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। शौचालय गंदगी से बजबजा रहे हैं, मल सीट के ऊपर तक भर आया है। शायद सेफ्टीक टैंक भर गया है। इसके आलावा शौचालयों की दीवारें भी गंदी हो चली हैं। पांच दिन से पूरे अस्पताल में जलापूर्ति ठप है। इसकी तह तक जाने पर पता चला कि अस्पताल के बोर का मोटर पंप जल गया है। उसकी मरम्मत तक नहीं कराई जा सक रही है। गर्मी के इस दौर में मरीजों और उनके परिजनों को बाजार से पानी की बोतलें खरीदकर काम चलाना पड़ रहा है। अस्पताल के अधिकतर पंखे बंद पड़े हैं, वार्डों में कूलर हैं नहीं। भीषण गर्मी में मरीजों और उनकी तिमारदारी के लिए साथ रहने वाले मरीजों को न दिन में चैन मिल रहा है और न रात में चैन की नींद नसीब हो रही है। मच्छर अलग से परेशान करते रहते हैं। बिस्तरों और चादरों की गंदगी देखकर जी मिचलाने लगता है। लगता है महीनों से बेडशीट और चादरों की धुलाई नहीं हुई है।
जच्चा बच्चा सब परेशान
सामान्य वार्डों के मरीजों को तो यातना झेलनी ही पड़ रही है, प्रसव वार्ड की हालत तो और भी खस्ता है। प्रसूति वार्ड का भी पंखा नहीं चल रहा है। महिलाओं और उनके नवजात बच्चों को मच्छर काट काटकर हलाकान कर रहे हैं। आलम यह है कि प्रसूता महिलाओं को तीन दिन तक ऑब्जर्वेशन में रखने के बजाय एक ही दिन में छुट्टी देनी पड़ रही है। अस्पताल में मरीज नरकीय स्थिति से गुजर रहे हैं। महिलाओं के प्रसव वार्ड में भी पानी नहीं होने से उनके रिश्तेदार बाजार से पानी खरीदकर ला रहे हैं। डिलवरी के क्रिटिकल केसेस में एंबुलेंस नहीं मिलती और कई बार डिलवरी कराने पहुंची महिलाओं की जान जोखिम में पड़ जाती है ।खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. हरीश मरकाम ने अस्पताल में जलापूर्ति ठप होने की बात तो स्वीकार की, लेकिन अन्य मसलों पर उन्होंने चुप्पी साध ली।

मेकेनिक नहीं मिल रहा
ये सच है कि मोटर खराब होने से पानी की किल्लत अस्पताल में है। मेकेनिक के नहीं आने से यह नौबत आई है। मोटर बनते ही समस्या दूर हो जाएगी।
डॉ. हरीश मरकाम,
बीएमओ, बकावंड

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