नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी की 3.0 सरकार का शपथ ग्रहण आज शाम को होने वाला है। इस बार भाजपा को बहुमत नहीं मिला है। सरकार चलाने के लिए उसे अब एनडीए के अपने सहयोगियों पर निर्भर रहना होगा। इस शपथ ग्रहण समारोह में शपथ लेने वाले मंत्रियों की लिस्ट पर भी इसका असर देखा जा सकता है। अब इस बार यह देखना होगा कि मोदी सरकार की नए कैबिनेट में कौन-कौन से नए चेहरे होंगे। इस बार यह साफ है कि टीडीपी और जेडीयू के नेताओं को भी तवज्जो दी जाएगी। सूत्रों का कहना है कि मोदी के साथ एनडीए के 14 सहयोगी दलों के 18 सांसद भी मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। इनमें 7 कैबिनेट और बाकी 11 स्वतंत्र प्रभार और राज्यमंत्री के रूप में शपथ ले सकते हैं। नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। यह शपथ ग्रहण समारोह राष्ट्रपति भवन में होगा। दिल्ली पुलिस इसकी तैयारियों में जुटी है। शपथ ग्रहण समारोह को देखते हुए दिल्ली पुलिस की ओर से 9 और 10 जून के लिए कई पाबंदियां भी लगाई गई हैं। माना जा रहा है 3 दर्जन से अधिक सांसद मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। टीडीपी और जदयू से 2-2 और शिवसेना से एक कैबिनेट मंत्री बन सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि इसके अलावा एनसीपी, एलजीपी और जेडीएस के कोटे से कैबिनेट मंत्री शपथ ले सकते हैं। टीडीपी के एक सांसद ने बताया कि किस दल से कितने मंत्री बनाए जाएंगे, इसका फॉर्मूला पहले ही तय किया जा चुका है।
इसको लेकर सार्वजनिक रूप से किसी तरह की चर्चा करने की कोई जरूरत नहीं है। सभी इस बात पर सहमत हैं कि पीएम जिसे जो जिम्मेदारी देंगे, वे उसे निभाएंगे। टीडीपी-जदयू की 10 मंत्रालयों पर नजर खबरों के मुताबिक चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी और नीतीश कुमार के जदयू की नजर 10 मंत्रालयों पर टिकी है। चिराग पासवान की एलजेपीऔर शिंदे की शिवसेना कम से कम 2-2 मंत्री बनाना चाहते हैं। इसके अलावा आरएलडी, अपना दल जैसे अन्य छोटे दलों को भी मंत्री पद की उम्मीद है। सहयोगियों की मांग चाहे जितनी हो, लेकिन हमारी कैलकुलेशन के मुताबिक मोदी 3.0 मंत्रिपरिषद में 12 से 15 मंत्री-पद ही सहयोगी दलों को मिल सकते हैं। भागीदारी के लिहाज से रेशियो मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में अधिकतम 71 मंत्री और दूसरे कार्यकाल में अधिकतम 72 मंत्री थे। मोदी 3.0 कैबिनेट में भी मंत्रियों की संख्या 70 के आस-पास होगी। इस हिसाब से भाजपा के 60 मंत्री, टीडीपी के 4 मंत्री, जदयू के 3 मंत्री और एलजेपी के 2 मंत्री होने चाहिए। इसके अलावा शिवसेना और अन्य छोटी-छोटी पार्टियों को भी 3-5 सीटें मिल सकती हैं। यानी मोदी मंत्रिपरिषद में सहयोगी दलों को 12-15 मंत्री पद होने चाहिए। अब इसमें मंत्रियों की 4 कैटेगरी के मुताबिक नेगोशिएशन होगा। यानी अगर सहयोगियों को कैबिनेट मंत्री ज्यादा मिले तो कुल संख्या कम हो सकती है और अगर राज्यमंत्री ज्यादा मिले तो कुल संख्या बढ़ सकती है। मंत्री पद भाजपा कोटे से घटेंगे दरअसल, संविधान के आर्टिकल 75 के मुताबिक मंत्रिपरिषद में मंत्रियों की संख्या लोकसभा के कुल सदस्यों की संख्या के 15 प्रतिशत से ज्यादा नहीं हो सकती। लोकसभा में 543 सदस्य हैं। उसका 15 प्रतिशत यानी मोदी मंत्रिपरिषद में अधिकतम 81 मंत्री हो सकते हैं। अगर भाजपा मंत्रियों की संख्या मैक्सिमम कर लेती है तो भाजपा कोटे को ज्यादा डेंट नहीं लगेगा। अगर मंत्रियों की संख्या 70 के आस-पास रहती है तो भाजपा कोटे के करीब 15 मंत्री घटेंगे।
सरकारें आमतौर पर मंत्रिपरिषद की मैक्सिमम लिमिट तक नहीं जाती हैं। 500 सीसीटीवी से निगरानी शपथ ग्रहण समारोह को देखते हुए राष्ट्रपति भवन और उसके आसपास कंट्रोल एरिया बनाया जाएगा। पुलिस अधिकारियों की मानें तो इस दौरान कई लेयर की सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी। सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रपति भवन की सुरक्षा में पैरामिलिट्री फोर्स की पांच कंपनियां तैनात की जाएंगी। इसके अलावा ऊंची इमारतों पर हृस्त्र कमांडो, ड्रोन और स्नाइपर्स भी तैनात किए जाएंगे। शपथ ग्रहण समारोह में कई विदेशी मेहमान भी शामिल होंगे। ऐसे में पूरी राजधानी हाई अलर्ट पर रहेगी। विदेशी मेहमानों की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी खुफिया एजेंसियों के कंधों पर होगी। हर राष्ट्राध्यक्ष के प्रोटोकॉल के मुताबिक सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। इसके अलावा जिन होटलों में विदेशी मेहमान रुकेंगे, उनकी सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है। दिल्ली पुलिस के मुताबिक राष्ट्रपति भवन के आसपास संसद मार्ग, रफी मार्ग, रायसीना रोड, राजेंद्र प्रसाद रोड, मदर टेरेसा क्रिसेंट, सरदार पटेल मार्ग पर कार्यक्रम के दौरान सिर्फ उन्हीं वाहनों को प्रवेश की अनुमति होगी जिनके पास पास होंगे। पुलिस के मुताबिक इस कार्यक्रम की निगरानी 500 से ज्यादा सीसीटीवी से की जाएगी। शपथ ग्रहण समारोह को देखते हुए दिल्ली पुलिस की ओर से 9 और 10 जून के लिए कई पाबंदियां भी लगाई गई हैं। दिल्ली को नो फ्लाइंग जोन घोषित कर दिया गया है। इस दौरान पूरी दिल्ली में पैराग्लाइडर, पैरा-मोटर्स, हैंग ग्लाइडर, यूएवी, यूएएस, माइक्रोलाइट एयरक्राफ्ट, रिमोट कंट्रोल्ड एयरक्राफ्ट जैसे सब-कन्वेंशनल एरियल प्लेटफॉर्म की उड़ान पर रोक लगा दी गई है।